Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर की यात्रा जितनी कठिन होती है उतनी ही यह इंटरेस्टिंग भी होती है. यह ट्रिप एक अलग ही लेवल का एक्सपीरियंस देती है. कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल बाद जून 2025 में दोबारा से शुरु होने वाली है. भारत और चीन के संबंधों को बेहतर बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. अगर आप भी इस यात्रा पर जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको इन टिप्स का ध्यान रखने की जरूरत है. ऐसा माना जाता है कि कैलाश पर्वत का ब्रेथटेकिंग व्यू देखना और लेक मानसरोवर के पवित्र पानी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं. अगर आप भी जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये टिप्स फॉलो करें.
ब्रीदिंग प्रॉब्लम
बहुत हाई एल्टीट्यूड पर ट्रैवल करना पड़ता है, तो ऑक्सीजन की कमी की वजह से ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो सकती है. अगर आपको अस्थमा या कोई भी गंभीर रेस्पिरेटरी इशू है, तो आपको इस ट्रिप को अवॉइड करना चाहिए. वरना ट्रैवल के दौरान आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
गर्म पानी
बहुत से लोगों को गर्म पानी पीना पसंद नहीं होता. लेकिन यहां के मौसम के हिसाब से आपको गर्म या ल्यूकवॉर्म वाटर ही मिलेगा. जिसके लिए अच्छा रहेगा कि आप अभी से गर्म पानी पीने की आदत डालें ताकि बाद में कोई दिक्कत ना हो.
स्नैक्स
ट्रैवल एजेंसी वाले खाने का अरेंजमेंट तो करेंगे, लेकिन फिर भी आप अपने साथ चिप्स, कैंडी, जूस वगैरह जैसी चीजें जरूर ले जाओ. ट्रेकिंग के दौरान हल्की-फुल्की स्नैकिंग बहुत काम आती है.
फिटनेस
अगर आप रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज या योगा नहीं करते हैं तो आप यात्रा के टाइम जल्दी थक सकते हैं. जिसके लिए आप यात्रा से कम से कम एक महीना पहले से वर्कआउट की प्रैक्टिस शुरु कर दें. अगर आप फिट रहेंगे तो इस एक्सपीरियंस का मजा और भी दुगना हो जाएगा.
ट्रैवल इंश्योरेंस
आप जाने से पहले एक अच्छी ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर खरीद लें जो पर्सनल लॉस, इंजरी या इमरजेंसी कवर करे. और ध्यान रखें कि वो पॉलिसी हाई एल्टीट्यूड इमरजेंसी एवाकुएशन भी कवर करे.
फॉरेन करंसी
नेपाल और तिब्बत में इंडियन करेंसी काम नहीं आताी है. जिसके लिए आप पहले से ही कुछ फॉरेन करंसी अरेंज कर लें या फिर अपने टूर ऑपरेटर से हेल्प ले लें. साथ में कैश भी रखें क्योंकि वहां इंटरनेशनल कार्ड्स काम नहीं करते.
हल्का सामान
पहाड़ों में बहुत भारी सामान लेकर चलना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए बहुत सारे कपड़े या अननेसेसरी चीजें कैरी न करें. लाइट ट्रैवल करना बेहतर रहेगा.
गिरने का खतरा
पहाड़ों में नेचुरल ब्यूटी देख कर खो जाना नेचुरल है. लेकिन चलते समय अपना ट्रैक ध्यान से देखो. रास्ते ऊबड़-खाबड़ होंगे, तो गिरने या फिसलने का खतरा हो सकता है.