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अब वजन घटाना हुआ और भी आसान, सिर्फ एक इंजेक्शन में मोटापे से निजात, भारत सरकार ने दी मंजूरी!
मौजूदा समय में, मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है, जिसका समाधान ढूंढने के लिए कई लोग विभिन्न तरीकों का सहारा लेते हैं. हाल ही में, अमेरिका की प्रमुख कंपनी इलाय लिली ने एक नया इंजेक्शन पेश किया है, जिसका नाम माउंजारो है. इस इंजेक्शन में मौजूद सक्रिय दवा टिर्जेपेटाइड (Tirzepatide) का उपयोग मुख्य रूप से टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए किया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह इंजेक्शन 72 हफ्तों के भीतर वजन को 20.9% तक कम कर सकता है. आइए, इस इंजेक्शन के कार्य करने के तरीके और इसके उपयोग के बारे में विस्तार से जानते हैं.
माउंजारो इंजेक्शन कैसे काम करता है?
इस इंजेक्शन का प्रभाव मानव शरीर में हार्मोनल गतिविधियों पर आधारित है. इंसानी शरीर में दो महत्वपूर्ण हार्मोन होते हैं:
1. फोरगट (Foregut): यह शुगर के स्तर को बढ़ाता है.
2. हिंडगट (Hindgut): यह शरीर की अतिरिक्त शुगर को जलाकर शुगर के स्तर को घटाता है.
इन हार्मोनों की कार्यप्रणाली से शरीर का वजन संतुलित रहता है.
इंजेक्शन में मौजूद GLP-1 हार्मोन मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस क्षेत्र में जाकर उसे सक्रिय करता है. इससे भूख का अहसास कम होता है और खाने की इच्छा में भी कमी आती है. जब शरीर में अतिरिक्त शुगर का निर्माण नहीं होता, तो पहले से जमा हुई चर्बी धीरे-धीरे कम होने लगती है.
जब हिंडगट (GLP-1) सक्रिय नहीं होता, तो फोरगट तुरंत सक्रिय होकर शुगर स्तर को बढ़ाने लगता है. माउंजारो इंजेक्शन GLP-1 को सक्रिय करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है.
किसे माउंजारो इंजेक्शन लेना चाहिए?
माउंजारो इंजेक्शन का उपयोग कौन कर सकता है? इसका उत्तर है, कोई भी व्यक्ति. यह इंजेक्शन सामान्य लोगों और टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों दोनों के लिए प्रभावी है, लेकिन दोनों के लिए डोज अलग-अलग होती है. वजन घटाने के लिए कम डोज दी जाती है, जबकि डायबिटीज नियंत्रण के लिए अलग डोज निर्धारित की जाती है.
यदि आप सोच रहे हैं कि क्या आपको वजन कम करने के लिए इस इंजेक्शन की आवश्यकता है, तो इसका एक उपाय है. अपने बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की जांच करें. यदि आपका BMI 32 या उससे अधिक है, तो वजन कम करने की आवश्यकता है. इस स्थिति में, डॉक्टर की सलाह लेना इम्पॉटेंट है.
माउंजारो इंजेक्शन की लागत
भारत में माउंजारो इंजेक्शन की अनुमानित कीमत 1500 रुपए के आसपास हो सकती है. इसे हर पांच दिन में लिया जाना है, जिसका मतलब है कि महीने में लगभग 9 हजार रुपए और सालाना 1 लाख 8 हजार रुपए का खर्च आएगा. यदि कोई व्यक्ति हर साल एक लाख रुपए खर्च कर सकता है, तो वह इस इंजेक्शन का उपयोग कर सकता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि बेरियाट्रिक सर्जरी का खर्च लगभग 3-4 लाख रुपए होता है, इसके बाद भी मरीज को दवाएं लेनी होती हैं.
भारत में माउंजारो इंजेक्शन की उपलब्धता
भारतीय बाजार में किसी भी दवा या इंजेक्शन की बिक्री के लिए दो संस्थाओं की मंजूरी जरूरी होती है:
1. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)
2. ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया
अमेरिकी इंजेक्शन को CDSCO की मंजूरी मिल चुकी है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी भी जल्द मिलने की संभावना है. यदि दोनों मंजूरी समय पर मिलती हैं, तो दिसंबर 2024 तक यह भारत में उपलब्ध हो जाएगा.
सावधानियां
माउंजारो इंजेक्शन लेने के दौरान कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- डॉक्टर की सलाह: किसी भी दवा की तरह, माउंजारो इंजेक्शन को भी डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए.
- डोज का पालन: इसे डॉक्टर द्वारा बताई गई डोज में ही लेना चाहिए.
- लंबे समय का प्रभाव: एक बार इंजेक्शन लेना शुरू किया, तो आपको इसे जीवनभर लेना पड़ सकता है. यदि इसे बंद कर दिया गया, तो कुछ ही समय में वजन फिर से बढ़ने लगेगा और शरीर पहले जैसी स्थिति में आ जाएगा.