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टॉयलेट सीट पर किया अगर ये काम तो पड़ेगा दिल का दौरा... तुरंत बदलें ये आदत

ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक रिसर्च किया है जिसमें उन्होंने पाया है कि कब्ज के मरीजों में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक की संभावना अधिक रहती है.

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Neha Singh
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Constipation and Heart Diseases:

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Constipation and Heart Diseases: जाने-अनजाने कई बार हम कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जिनका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. ये गलतियां कभी-कभी इतनी ज्यादा हो जाती हैं कि हमारी जान पर भी खतरा मंडराने लगता है. ऐसी ही एक गलती है जो अक्सर लोग टॉयलेट सीट पर करते हैं और ये इतनी खतरनाक है कि इससे आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है. गलत लाइफस्टाइल या खान पान में गड़बड़ी की वजह से अक्सर लोग कब्ज की परेशानी से दो-चार होते हैं. इस परेशानी से ग्रस्त व्यक्ति को मल त्यागने में काफी दिक्कत होती है. ऐसे में यदि लंबे समय तक कब्ज की समस्या बनी रहती है तो यह हृदय रोग के खतरे को भी बढ़ा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. 

मरीजों में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक

ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक रिसर्च किया है जिसमें उन्होंने पाया है कि कब्ज के मरीजों में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक की संभावना अधिक रहती है. यदि मल त्यागते समय आप जोर लगाते हैं तो इसका असर आपके हार्ट पर भी पड़ता है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं.

ऐसे होती है कब्ज की समस्या

आजकल लोगों में कब्ज की समस्या बहुत आम है. इसके कई कारण हो सकते हैं. खान पान में गड़बड़ी, कम मात्रा में फाइबर का सेवन या फिर बढ़ती उम्र में भी यह समस्या होना आम है. इसके अलावा कुछ दवाइयों को खाने से, पानी और तरल पदार्थों का सेवन कम करने से भी कब्ज की परेशानी हो सकती है. कोलन के मल से ज्यादा पानी सोखने पर मल सख्त हो जाता है और बाहर नहीं निकल पाता है. ऐसे में आंत में आंत में गंदगी जमने लगती है.

हार्ट अटैक

यदि आपको कब्ज की समस्या बनी रहती है तो कोलन में लंबे समय तक मल रहता है जिससे बाउल मूवमेंट प्रभावित होता है. पुराने कब्ज की वजह से शरीर में सूजन होने लगता है. इससे पूरी बॉडी में भी सूजन हो सकती है जिससे हार्ट अटैक आ सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को हाई बीपी के साथ कब्ज की भी समस्या रहती है उनमें हार्ट अटैक का जोखिम अधिक रहता है.

क्या है वेगस नर्व स्टिम्यूलेशन?

हृदय गति, श्वास और पाचन सहित कई शारीरिक कार्यों को कंट्रोल करने में वेगस नर्व स्टिम्यूलेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यदि लंबे से तक कब्ज रहता है तो वेगस नर्व उत्तेजित होती है और कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों से सिंग्नल निकलते हैं. इस बदलाव के कारण हार्ट बीट अनियमित हो सकती है और हार्ट अटैक भी आ सकता है.

  • कब्ज से कैसे पाएं छुटकारा
  • सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं
  • फाइबर युक्त आहार का सेवन
  • पर्याप्त मात्र में पानी पिएं
  • मसालेदार और तैलिय भोजन से परहेज

रोजाना करें एक्सरसाइज

कब्ज की समस्या को छुटकारा पाने के लिए सही खान पान के साथ आपको अपनी दिनचर्या में व्यायाम भी शामिल करना चाहिए. इससे ना सिर्फ आपका पेट सही रहेगा बल्कि इससे दूसरी बीमारियों का भी खतरा कम रहेगा. रोजाना सुबह शाम आप कम से कम 30 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम जरूर करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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