झूठ बोलना एक ऐसा अपराध है, जिससे दुनिया में शायद ही कोई बचा रह सकता है. वहीं दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने कभी झूठ (lie) नहीं बोला होगा. कम या फिर ज्यादा. एक बार या फिर हजार बार. अक्सर हम किसी से झूठ बोलते हैं या फिर हमें किसी के झूठ का सामना करना पड़ता है. झूठ बोलने की आदत लोगों में तेजी से बढ़ती जा रही है. अगर आप किसी का सच जानना चाहते हैं तो आप ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं.
झूठ बोलने वालों के कुछ संकेत
झूठ बोलने वाले लोग अपनी कहानी क्रमवार सुनाते हैं. कहानी की शुरुआत और अंत पहले से तय होता है. वहीं सच बोलने वाले लोग बातें सीधे-सीधे बताते हैं. हो सकता है दोबारा वही बात बताते हुए दो तीन बातें और नयी जोड़ दें.
आम धारणा के विपरीत, झूठ बोलने वाले लोग आपकी ओर ही देखते हैं. वे जानना चाहते हैं कि आप उन पर विश्वास कर रहे हैं या नहीं. ऐसा अक्सर वह लोग करते हैं जो पूरी प्लानिंग के साथ झूठ बोलते हैं.
झूठ बोलते समय लोग अपेक्षाकृत बेहतर और अधिक परिष्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं. वे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें शायद आपने उनसे पहले कभी ना सुना हो.
सच बोलने वाले लोग स्वाभाविक रूप से बात करते हैं. वे एक ही घटना का वर्णन करते समय नए तथ्य भी जोड़ सकते हैं. वहीं झूठ बोलने वाले वही बातें दोहराते हैं जो उन्होंने पहले कही थीं.
यदि कोई व्यक्ति किसी घटना का वर्णन करते समय 'मैं' या 'मेरा' जैसे सर्वनामों का प्रयोग नहीं करता है, तो सावधान हो जाएं. हो सकता है वे सच छुपा रहे हों. एफबीआई के एजेंट रहे जिम क्लेमेंट कहते हैं कि मान लीजिए कोई महिला अपने पति से पूछे कि वह क्या कर रहा है? पति का जवाब आया-पार्क गया था, दोपहर का भोजन खा लिया. उसने अपने वाक्य में 'मैं' का इस्तेमाल नहीं किया. दरअसल उसने खाना किसी और के साथ खाया है इसलिए अब उसे डर है कि 'मैं' की जगह जबान से 'हमने' न निकल जाए.
झूठ बोलने वाले लोग महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाते हैं या भूलने का नाटक करते हैं. ऐसे में कभी भी वह आपके सवालों का सीधा जवाब नहीं देंगे. वे अक्सर आपके सवालों का जवाब दूसरे सवालों से देते हैं. आप झूठ बोलने वाले लोगों से एक शब्द में कोई जवाब आसानी से नहीं निकलवा सकते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.