अगर माफी दिल से ना मांगी जाए और सही तरह से ना मांगी जाए तो उसका कोई मोल नहीं रहता है. ऐसे में यहां जानिए माफी मांगने को लेकर रिसर्च का क्या कहना है. हम आमतौर पर माफी मांगने (Apoology) को लेकर अपने यार-दोस्तों से बातें करते हैं और उनसे पूछते हैं कि हमने सही तरह से माफी मांगी है या नहीं, लेकिन माफी मांगने के तरीके को लेकर एक रिसर्च में सामने आया है कि माफी मांगने का सही तरीका क्या है और कैसे माफी को अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है.
इस तरह कहें सॉरी
इस शोध से पता चला कि सॉरी कहते समय जिन शब्दों को चुना जा रहा है. उनसे पता चलता है कितनी ईमानदारी से सॉरी कहा जा रहा है या माफी मांगी जा रही है. इसके अलावा, सॉरी को "हल्की बात" कह दिया जाता है लेकिन शोध में यह भी सामने आया है कि सॉरी कहने भर से ही सामने वाला व्यक्ति बेहतर महसूस करता है.
महंगा
सिर्फ सॉरी कहने के बजाय अगर थोड़ा बहुत खर्च के साथ सॉरी कहा जाए तो सॉरी प्रभावशाली बन जाता है. अगर पैसे खर्च किए जाएं या किसी गिफ्ट के साथ सॉरी (Sorry) कहा जाए तो उसका असर यकीनन बढ़ जाता है. इसका पता 2009 में हुए अध्ययन से चला था.
शब्दों का ध्यान
माफी अगर लिखकर मांगी जा रही है तो क्या लिखकर मांगी जा रही है इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. अगर माफी लिखने के लिए लंबे और कठिन शब्दों का इस्तेमाल हुआ है तो इससे लगता है जैसे व्यक्ति ने माफी मांगने के लिए एफर्ट्स डाले हैं. X (Twitter) पर किए गए अध्ययन से पता चला कि माफी मांगने के लिए लंबे शब्दों और वाक्यों का इस्तेमाल करने पर क्षमायाचना गंभीर लगती है. लंबे वाक्य अधिक क्षमायाचक लगते हैं.
क्या है जवाब
इस शोध से पता चलता है कि लंबे शब्दों का उपयोग करने पर या कठिन भाषा लिखने पर ऐसा लगता है कि माफी मांगने वाले के लिए यह शब्द कहना या लिखना कठिन है लेकिन समझने वाले के लिए यह कठिन नहीं होता जिससे माफी प्रभावी बनती है. वहीं, लंबी माफी से लगता है कि पश्चाताप व्यक्त करते हुए माफी मांगी जा रही है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.