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Cardiac Arrest
Cardiac Arrest: कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर और अचानक होने वाली हृदय समस्या है, जिसमें आपका दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है. जब ऐसा होता है, तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है. अगर तुरंत मदद नहीं मिलती, तो यह स्थिति कुछ ही मिनटों में जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिए, आस-पास के लोगों का तुरंत प्रतिक्रिया देना बेहद जरूरी है. सही समय पर सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) और डिफिब्रिलेशन जैसी आपातकालीन तकनीकें जीवन बचा सकती हैं. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं इसके लक्षण के बारें में.
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
कई लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन दोनों अलग हैं. कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है या अनियमित हो जाती है, जिससे रक्त पंपिंग बंद हो जाती है. इसके विपरीत, हार्ट अटैक में दिल का रक्त प्रवाह कुछ हिस्सों में रुक जाता है, जिससे दिल के मांसपेशियों को नुकसान होता है.
सामान्य तौर पर कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति तुरंत बेहोश हो जाता है और चेतना खो देता है. इसके लक्षण अक्सर अचानक शुरू होते हैं, इसलिए इसे 'सडन कार्डियक अरेस्ट' भी कहा जाता है.
कैसे होता है कार्डियक अरेस्ट?
अचानक हार्ट अटैक का मुख्य कारण दिल की विद्युत प्रणाली में गड़बड़ी है। दिल की निचली कक्षों से आने वाले विद्युत संकेत अनियमित हो जाते हैं, जिसे वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (V-Fib) कहा जाता है. इस वजह से दिल का पंपिंग बंद हो जाता है और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती.
इसके अलावा, कार्डियोमायोपैथी, दिल का दौरा, गंभीर चोट, कुछ दवाएं, ब्रुगाडा सिंड्रोम, लंबी क्यूटी सिंड्रोम और मनोरंजक दवाओं जैसे कोकीन का इस्तेमाल भी अचानक हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं. जन्मजात हृदय दोष, संक्रमण या गंभीर बीमारी के कारण हृदय की संरचना में बदलाव होना भी जोखिम बढ़ाता है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
- बेहोश हो जाना
- सांस नहीं ले पाना
- हांफते रहना
- इलाज न मिलने पर मौत हो जाना.
क्या करें अगर कोई कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो?
यदि आप किसी को अचानक गिरते हुए देखें और आपको शक हो कि दिल रुक गया है, तो तुरंत 911 या अपने स्थानीय इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें. इसके बाद तुरंत सीपीआर शुरू करें. यह मस्तिष्क और फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाए रखता है जब तक कि डिफिब्रिलेशन या डॉक्टर की मदद दिल की सामान्य धड़कन बहाल नहीं कर देती.
कार्डियक अरेस्ट से बचने का तरीका
कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए सबसे जरूरी बचाव है जल्दी पहचान करना और तुरंत डॉक्टर के पास जाना. कार्डियक अरेस्ट का शिकार व्यक्ति तब तक सुरक्षित रह सकता है जब तक सही समय पर CPR और डिफिब्रिलेशन किया जाए.
इसलिए हर व्यक्ति को बुनियादी CPR सीखना और दिल की आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने की क्षमता रखना चाहिए. कार्डियक अरेस्ट कोई आम समस्या नहीं है, लेकिन इसके बारे में जानकारी और सही समय पर कार्रवाई जीवन बचा सकती है.
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