फैशन की दुनिया में काफी बदलाव हो रहा है. चाहे वो कपड़े हो या फिर हील्स हो. टाइम के साथ-साथ हर चीज में बदलाव होता है. वहीं इस दौर में हील्स का इस्तेमाल महिलाओं के लिए ही होता है, लेकिन आपको ये जानकर थोड़ा सा अजीब लगेगा कि हील्स का इस्तेमाल पहले के टाइम में पुरुषों के लिए होता था. आइए आपको हील्स का इतिहास बताते है.
हील्स का इतिहास
हील्स के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत 10वीं सदी से हुई थी. इसे सबसे पहले पार्शियाई घुड़सवारों ने इस्तेमाल किया था. उन्होंने घोड़े की पीठ पर बैठकर, अपने पैरों को रकाब में स्थिर रखने के लिए ऊंची एड़ी के जूतों की जरूरत होती थी. यह डिजाइन उन्हें घुड़सवारी के दौरान संतुलन बनाए रखने में मदद करता था. धीरे-धीरे, यह ट्रेंड यूरोप तक पहुंचा और 16वीं शताब्दी में पुरुषों के फैशन का हिस्सा बन गया.
हील्स को बनाया पहनावे का हिस्सा
यूरोप में, हील्स को स्टेटस सिंबल के रूप में देखा जाने लगा. ऊंची एड़ी के जूते पहनने वाले व्यक्ति को अमीर और प्रभावशाली समझा जाता था. हील्स को यहां तक कि फ्रांस के राजा लुई XIV ने भी अपने शाही पहनावे का हिस्सा बना लिया था. उनके जूतों पर अक्सर लाल रंग की हील्स होती थीं, जो उनकी शक्ति और प्रतिष्ठा को दर्शाती थीं.
महिलाओं के लिए हील्स की एंट्री
17वीं सदी के अंत तक हील्स की लोकप्रियता महिलाओं में बढ़ने लगी. इस समय के दौरान, महिलाएं रुषों के फैशन से प्रेरित होकर हील्स पहनने लगीं. फिर धीरे-धीरे यह खास ट्रेंड यूरोप में देखने को मिली, जहां महिलाएं अपनेो कपड़ों में पुरुषों के डिज़ाइन को अपनाने लगीं और फिर धीरे-धीरे 18वीं सदी में पुरुषों के बीच हील्स घटने लगी, लेकिन महिलाओं के लिए यह फैशन का एक जरूरी हिस्सा बन गई.
हील्स की वैरायटी
वहीं, आज के दौर की बात करें तो यह महिलाओं के फैशन के लिए काफी जरूरी है. यह ना सिर्फ केवल लंबाई को बढ़ाने का काम करता है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मविश्वास और ग्लैमर को भी बढ़ाता है. अब हील्स में कई तरह के डिजाइन आ गए हैं. जिसमें फ्लैट हील्स, वेज हील्स और ब्लॉक हील्स जैसी चीज है. जिन्हें महिलाएं आराम और स्टाइल के लिए कैरी कर सकती है.
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