सावन में फलाहार के धोखे में कही खा ना ले मांसाहार
सावन का महीना है तो ऐसे में कई चीजों का इस्तेमाल उपवास में भी होता है, ऐसे में ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है.
highlights
- ये नॉनवेज प्रोडक्ट्स के विकल्प के तौर पर बाजार में मिलते हैं.
- सावन का महीना है तो ऐसे में कई चीजों का इस्तेमाल उपवास में भी होता है
- ऐसे फूड आइटम्स ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है
नई दिल्ली:
कुछ फूड आइटम्स हैं जिन्हें हम शाकाहारी तो समझते हैं लेकिन वो पूरी तरह से शाकाहारी नहीं होते हैं. इन चीजों में कुछ मात्रा में ऐनिमल प्रोडक्ट्स मिले होते हैं. इन्हें खरीदते समय हम इनके लेबल पर ध्यान नहीं देते हैं. ये नॉनवेज प्रोडक्ट्स के विकल्प के तौर पर बाजार में मिलते हैं. सावन का महीना है तो ऐसे में कई चीजों का इस्तेमाल उपवास में भी होता है, ऐसे में ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है. तो आइए जानते हैं ऐसे ही प्रोडक्ट्स के बारे में जो शुद्ध रूप से शाकाहारी नहीं होते हैं और इनमें कुछ ना कुछ मिलावट की जाती है.
चीज़- ज्यादातर लोग अपने ब्रेकफास्ट, स्नैक्स या फूड में किसी ना किसी तरह चीज़ का इस्तमेमाल करते हैं. खासतौर से ये बच्चों को बहुत पसंद होता है. कुछ खास तरह के चीज़ में रेन्नेट मिला होता है. ये एक तरह का एंजाइम है जो बछड़ों के पेट से निकाला जाता है. इसका इस्तेमाल चीज़ को गाढ़ा बनाने में किया जाता है. हालांकि, बाजार में शाकाहारी चीज़ भी मिलते हैं जिनमें इस एंजाइम का इस्तेमाल नहीं होता है. इसलिए अगर आप शाकाहारी चीज़ लेना चाहते हैं तो इसे खरीदने से पहले इसका लेबल जरूर पढ़ लें.
ओमेगा-3 वाले प्रोडक्ट्स- कुछ चीजों में नेचुरल तौर पर ओमेगा-3 नहीं पाया जाता है लेकिन उन्हें ओमेगा-3 से भरपूर बनाकर बाजार में बेचा जाता है. ये चीजें शाकाहारी नहीं होती हैं और इनमें मछली से प्राप्त प्रोडक्ट्स मिलाए जाते हैं. अगर आप शाकाहारी हैं तो ओमेगा-3 के लिए अलसी, चिया सीड्स और अखरोट डाइट में शामिल करें.
सॉफ्ट ड्रिंक्स- आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स में थोड़ी मात्रा में जिलेटिन मिलाया जाता है. इसे ड्रिंक्स को गाढ़ा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिलेटिन जानवरों के अंगों से प्राप्त किया जाता है. हालांकि, हर सॉफ्ट ड्रिंक्स में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है लेकिन फिर आप क्या पी रहे हैं इसकी जानकारी अच्छे से पता कर लें. अगर शुद्ध शाकाहारी ड्रिंक पीना चाहते हैं तो अच्छा होगा कि आप इसे घर में खुद ही बना लें.
सफेद चीनी- कई जगहों पर रिफाइंड व्हाइट शुगर को 'बोन चार' या नेचुरल कार्बन तरीके से ब्लीच किया जाता है. इस प्रक्रिया में जानवरों की हड्डी का इस्तेमाल होता है. कन्फेक्शनर और ब्राउन शुगर में भी ये मिलाया जाता है क्योंकि ये दोनों भी सफेद चीनी से ही बनाई जाती हैं.
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