साइंस ने भी माना, इस डिश से Covid-19 का हो सकता है इलाज!
पूरी दुनिया के लोग 2020 की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं. भले ही कोविड पर काबू पाने के लिए तमाम तरह की वैक्सीन आ चुकी हों, लेकिन वायरस का कहर अभी भी जारी है.
नई दिल्ली:
पूरी दुनिया के लोग 2020 की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं. भले ही कोविड पर काबू पाने के लिए तमाम तरह की वैक्सीन आ चुकी हों, लेकिन वायरस का कहर अभी भी जारी है. आप वैक्सीन से संक्रमण के गंभीर लक्षणों से तो बचाव कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कि टीका लगवाने के बाद आप कोरोना से दोबारा संक्रमित नहीं होंगे, क्योंकि कोरोना वायरस का अब तक कोई ऑफिशियल ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं है. इसी बीच एक शोध आया है, जिसमें एक खास तरह के नाश्ते को कोरोना महामारी से बचाव का विकल्प बताया जा रहा है.
हाल में हुए एक नए अध्ययन में मिला है कि जापान में नाश्ते के लिए परोसा जाने वाली फर्मेंटेड सोयाबीन डिश कोरोना महामारी की समस्या का समाधान कर सकती है. 'बायोकेमिकल एंड बायोफिजिकल रिसर्च कम्युनिकेशंस' पत्रिका में शोध के निष्कर्ष प्रकाशित हुए थे. आइये हम बताते हैं कि क्या है जापान की डिश की खासियत.
बैक्टीरिया बैसिलस सबटिलिस के साथ फरमेंटिंग सोयाबीन के जरिए नाश्ते की स्पेशल डिश नट्टो को बनाया जाता है. जापान के लोग इस नाश्ते का काफी समय से सेवन करते आ रहे हैं और इसलिए में लंबी उम्र तक स्वस्थ्य रहते हैं. ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर जापान सबसे लंबी जीवन प्रत्याशा वाला देश है.
वहां के लोगों की उम्र सबसे ज्यादा होती है और यहां के अधिकतर घरों में सुबह के नाश्ते में सोयाबीन का सेवन किया जाता है. इसके सेवन से स्ट्रोक या हृदय रोग से मरने की संभावना कम हो जाती है. इस डिश में अमोनिया जैसी बदबू एवं बलगम की तरह चिपचिपाहट होती है. स्वाद में भले ही ज्यादा अच्छा न लगे, लेकिन यह डिश स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभदायी होता है.
बायोकेमिकल एंड बायोफिजिकल रिसर्च कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, जापान के चिपचिपे और तेज गंध वाले नट्टो से बना अर्क कोरोना वायरस की क्षमता को रोक सकता है. इसे लेकर टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (सीईपीआईआर-टीयूएटी) में इन्फेक्शस डिजीज एपिडेमियोलॉजी एंड प्रिवेंशन अनुसंधान केंद्र के निदेशक तेत्सुया मिजुतानी ने कहा कि जापानी लोगों के सेहतमंद रहने का राज अपने ट्रेडिशनल ब्रेकफास्ट में नट्टो का सेवन करना है.
वैज्ञानिकों ने इस शोध में SARS-CoV-2 पर नट्टो के एंटीवायरल इफेक्ट्स की जांच-पड़ताड़ की, जोकि कोरोना वायरस और हर्पीसवायरस 1 (BHV-1), जानवरों में सांस की बीमारी का कारण बनते हैं.
सोयाबीन पर शोध का विवरण
रिसर्च के लिए सबसे पहले शोधकर्ताओं ने भोजन से दो नट्टो के अर्क तैयार किए, एक को गर्म किया और दूसरे को गर्म नहीं किए. इसके बादजानवरों और मनुष्यों के सेटों के अर्क को उन्होंने खिलाया. एक सेट SARS-CoV-2 से संक्रमित था, जबकि दूसरा सेट BHV-1 से इंफेक्ट्ड था.
शोध का परिणाम
बिना हीट वाले नट्टो के अर्क के साथ जब उपचार किया गया तो SARS-CoV-2 और BHV-1 दोनों रोग फैलाने वाले वायरस कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता खोते दिखे, जबकि गर्म नट्टो के अर्क का दोनों में से किसी भी वायरस पर असर नहीं किया. इससे साफ हो गया कि ठंडे नट्टो के सेवन से कोरोना के कहर से बचा जा सकता है.
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