केला ही नहीं, इसका तना, पत्ते और जड़ सबकुछ हैं फायदेमंद, ठीक होती हैं ये बीमारियां
केला तो सभी खाते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका तना, जड़, पत्ते भी विभिन्न तरीके से खाने के काम आते हैं और बहुत स्वास्थ्यवर्धक होते हैं. हिंदू धर्म में केले की पूजा यूं ही नहीं होती.
highlights
- केले की जड़ से बनती हैं दवाईयां
- केले के पत्ते पर रखकर खाने के हैं फायदे
- फल ही नहीं, सब्जी के तौर पर भी खाया जाता है
नई दिल्ली :
केला हमारे रोजमर्रा के जीवन में खाया जाने वाला फल है. हिंदू धर्म में केले के पेड़ की पूजा भी की जाती है. केले को साधारण फल मत समझिएगा. इससे तमाम फायदे हैं. कमाल की बात केला ही नहीं, इसके पत्ते, तना और जड़ भी तमाम फायदे करते हैं. सबसे पहले बात करते हैं फल की. केले में भरपूर विटामिन ए, आयरन और फाइबर पाया जाता है. केले का दूध और शहद के साथ सेवन करने से पतला-दुबला शरीर हष्ट-पुष्ट हो सकता है. वहीं, दस्त होने पर काले नमक के साथ केला खाने से राहत मिलती है. कई स्टडी में ये भी सामने आया है कि केला डिप्रेशन दूर करता है. यही नहीं, अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है या आप एनीमिया के शिकार हैं तो केला आपके लिए बहुत फायदेमंद है. यहीं नहीं कच्चे केले की सब्जी बनाई जाती है जो हृदय रोग, पेट संबंधी बीमारियों में फायदा करती है. डायबिटीज में भी बहुत लाभकारी होती है.
अब आपको बता दें कि इसके तने के भी बहुत फायदे हैं. चौकिंए नहीं. केले के तने में तमाम फाइबर्स मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. इन्हें जंक फूड की जगह स्नैक्स के रूप में ले सकते हैं. वहीं, स्मूदी बनाकर या उबालकर भी खा सकते हैं. इसमें पोटैशियम, बी6, विटामिन बी6 होता है जो हीमोग्लोबिन और इंसुलिन के निर्माण में उपयोगी होता है. ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. यही नहीं तने में मिलने वाले पोटैशियम से कार्डियक मसल्स मजबूत बनती है. साथ ही ये हाई ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है.
केले के तने का सेवन पाचन क्रिया को सक्रिय रखता है और कब्ज की समस्या नहीं होती.. साथ ही ये प्राकृतिक रूप से किडनी से स्टोन निकालने में भी सहायक है. इसकी मदद से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी खुद ही शरीर से बाहर निकल जाते हैं. अब बात करते हैं केले के पत्ते की. केले के पत्ते में पॉलीफेनॉल्स नामक नेचुरल एंटीआक्सीडेंट होता है. ये शरीर को फ्री रेडिकल्स और दूसरी बीमारियों से सुरक्षित रखता है. केले के पत्तों को सीधे खाना संभव नहीं, ऐसे में इन पत्तों पर रखकर लोग खाना खाते हैं. खाद्य पदार्थ इससे पॉलीफेनॉल्स अवशोषित कर लेते हैं और शरीर में पहुंचाते हैं. यही नहीं केले के पत्ते की ऊपरी सतह पर एक मोम जैसा पदार्थ होता है. जब गर्म खाना इस पर रखा जाता है तो यह घुलकर खाने में मिल जाता है और खाने के स्वाद को बढ़ा देता है.
केले की जड़ में विटामिन ए, बी और सी, सेरोटेनिन, टैनिन, डोपामाइन आदि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. केले की जड़ कई बीमारियों के इलाज में फायदेमंद मानी जाती है. केले की जड़ से आयुर्वेद और नैचुरोपैथी में तमाम दवाएं बनाई जाती हैं. खासतौर से अगर ब्लड प्रेशर की समस्या है तो इसकी जड़ के रस का सेवन कर सकते हैं. साथ ही त्वचा संबंधी रोगों में भी केले की जड़ बहुत कारगर मानी जाता है. अस्थमा रोगियों के लिए भी केले की जड़ से दवा बनती है. इसका काढ़ा भी पी सकते हैं. साथ ही इसे सूजन कम करने और एंटीपायरेटिक माना जाता है.
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