Millet Eating: अपने डाइट में करें बाजरा शामिल, जानें इससे होने वाले 5 फायदें

बाजरा एक पौष्टिक अनाज है इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है. इसका सेवन करने से हमारे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.

बाजरा एक पौष्टिक अनाज है इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है. इसका सेवन करने से हमारे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.

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Vikash Gupta
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Millet Eating

Millet Eating( Photo Credit : NEWS NATION)

Millet Eating: हम सभी अपने हेल्थ के लिए कुछ न कुछ करते रहते हैं. इसमें मिलेट शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें से एक है बाजरा. बाजरा एक पौष्टिक अनाज है. इसमें कई तरह के विटामिन होते हैं. इसे हम सबको अपने डाइट में शामिल करना चाहिए. इसके सेवन से कई कारणों से फायदेमंद होता है. इसे डायबिटीज के मरीज भी बिना भी चिंता के खा सकते हैं. यहाँ पाँच मुख्य कारण हैं. जिनके कारण बाजरे का सेवन किया जा सकता है.

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पौष्टिकता: बाजरा एक पौष्टिक अनाज है इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है. इसका सेवन करने से हमारे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. इसे खाने से हम अंदर से मजूत होते हैं. इसके साथ ही नए टिश्यू बनने में मदद होती है. इससे डेट सेल खत्म होते हैं और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है.

स्वादिष्टता: बाजरा एक स्वादिष्ट अनाज है. इसे लोग बड़े ही चाव के साथ खाते हैं. इसे अनेक व्यंजनों में मिलाकर कई अच्छे डिश तैयार किए जाते हैं. इससे बाजरे की रोटी, खिचड़ी, पारठे, और पुलाव जैसे न जानें कितने डिश बनाएं जाते हैं.इसे आप किसी अन्य डिश में प्रयोग किया जा सकता है जिससे भोजन का स्वाद बढ़ता है.

वेट मैनेजमेंट: जो भी शख्स जिम कर रहा है या जिम के बारे में सोच रहा है उसके लिए बाजरा एक सुपरफूड है. इस खाने से वजन नहीं बढ़ता है और पेट भी खाली नहीं रहता है. कहा जाता है कि इसमें कम कैलोरी होती है जिससे वजन नहीं बढ़ता है. इसका सेवन शुगर के पेसेंट भी कर सकते हैं. इसे खाने से बॉडी में शुगर लेवल नहीं बढ़ता है. 

लाभकारी: डायबिटीज के पेसेंट को खाने को लेकर कई तरह की सावधानियां रखनी होती है. इस दौरान ऐसे फूड नहीं खा सकते हैं जिससे शुगर लेवल बढ़ जाए. ऐसे में बजारे का सेवन करने एक अच्छा विक्लप हो सकता है. इसे खाने से वजन भी नहीं बढ़ता है क्योंकि इसमें लो कैलरी होती है. इसके साथ ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है.

ग्लूटेन-फ्री आहार: बाजरा ग्लूटेन-फ्री होता है जिससे वह उन लोगों के लिए उपयुक्त होता है जो ग्लूटेन से प्रतिक्रिया या सेलिएक रोग में प्रभावित होते हैं.

अत: बाजरे का अपने आहार में शामिल करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और भोजन का स्वाद भी बढ़ता है.

Source : News Nation Bureau

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