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खाना खाएं तो बैठकर ही खाएं नहीं तो...

खाना खाते वक्त लोग खड़े होने या बैठने पर ध्यान नहीं देते जबकि खड़े होकर खाना तमाम तरह के नुकसान करता है. 

Updated on: 14 Sep 2021, 08:34 PM

नई दिल्ली :

आजकल शादियों और पार्टियों में खड़े होकर खाने का फैशन है. आफिस में भी कई बार लोग खड़े होकर खाना खाते हैं. सड़कों के किनारे भी अक्सर लोग ठेले या दुकानों पर खड़े होकर खाना खाते दिखते हैं. कह सकते हैं कि खड़े होकर खाना आजकल फैशन बन गया है लेकिन ये फैशन आपके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है. बहुत से मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाना बैठकर ही खाना चाहिए. खड़े होकर खाने की आदत आपके लिए तमाम परेशानियां खड़ी कर सकती है. डॉक्टर अनंत वर्मा बताते हैं कि जब हम खड़े होकर खाना खाते हैं तो हमारी आंतें सिकुड़ जाती हैं और खाना ठीक से नहीं पचता. इसका असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है. इसकी वजह से अपच, कब्ज, एसिडिटी की समस्या बढ़ती है. कई बार बेचैनी भी महसूस होती है. इसके अलावा खड़े होकर खाना खाने से हमारे पैरों और कमर पर भी बुरा असर पड़ता है. इनमें कई बार दर्द भी होने लगता है. यही नहीं, खड़े होकर खाने से फिजिकल ही नहीं मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है. कई लोगों में चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है. 

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कुछ एक्सपर्ट का तो यह भी दावा है कि खड़े होकर खाना खाने से किडनी की समस्या और स्टोन की दिक्कत भी बढ़ती है. डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि जब हम खड़े होकर खाना खाते हैं तो गले से पेट तक भोजन और पानी ले जाने वाली एसोफेगस नली के निचले हिस्से पर बुरा असर पड़ने लगता है. इसकी वजह से अल्सर की समस्या भी हो सकती है. बड़े बुजुर्गों को मुंह से भी आपने सुना होगा कि खड़े होकर खाने से, खाना शरीर को नहीं लगता. इस कहावत का अर्थ भी इतना ही है कि खड़े होकर खाने से तमाम नुकसान होते हैं. नैचुरोपैथी में भी खड़े होकर खाने से मना किया गया है. अब सवाल उठता है कि खाना खाने का सही तरीका क्या है तो चलिए हम आपको बताते हैं. खाना हमेशा जमीन पर पालथी लगाकर खाना चाहिए. खाते वक्त हमेशा लकड़ी के पीढ़े पर बैठने को प्राथमिकता दें. इसके अलावा लकड़ी की कुर्सी या स्टूल पर बैठकर भी खा सकते हैं. लेटकर कुछ भी ना खाएं. लेटकर सिर्फ बीमार व्यक्ति को खाने की छूट होती है, जो उठकर बैठ नहीं सकते. कई बार लोग यह बहाना भी बनाते हैं कि खाने का समय नहीं है. ऐसे में लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि जितना समय खड़े होकर खाने में लगता है लगभग उतना ही बैठकर खाने में लगता है. और जल्दी खाने के चक्कर में अपनी हेल्थ से खिलवाड़ बिल्कुल भी ठीक नहीं है.