Mysore Silk Saree: भारत में सबसे मंहगी बिकती है ये साड़ी, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Mysore Silk Saree: मैसूर सिल्क की साड़ियां उन्नत गुणवत्ता, शानदार जरी काम, और परंपरागत डिज़ाइन होती हैं, जो इन्हें अनमोल बनाता है. यह विशिष्ट साड़ियाँ उच्च गुणवत्ता और दुर्गमता के कारण बेहद प्रशंसनीय हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
Mysore Silk Saree

Mysore Silk Saree( Photo Credit : News Nation)

Mysore Silk Saree: मैसूर सिल्क की साड़ियां कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में बनाई जाती हैं. यहां रेशम के कीड़ों को पालने और रेशम के धागों को निकालने की एक समृद्ध परंपरा रही है. मैसूर सिल्क बनाने की कला पीढ़ियों से चली आ रही है और अब यह एक UNESCO-मान्यता प्राप्त हस्तशिल्प है. मैसूर सिल्क की साड़ी एक सुंदर और अनमोल वस्त्र है जो भारत की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को दर्शाता है. यह एक ऐसा उपहार है जो किसी भी महिला को पसंद आएगा. मैसूर सिल्क की साड़ियों की कीमत उनकी गुणवत्ता, जटिलता और डिजाइन के आधार पर भिन्न होती है.
आम तौर पर, एक साधारण मैसूर सिल्क की साड़ी की कीमत ₹10,000 से शुरू हो सकती है और यह ₹1,00,000 या उससे अधिक तक जा सकती है. मैसूर सिल्क की साड़ियां इतनी महंगी क्यों होती हैं, इसके कई कारण हैं जो आपको पता होने चाहिए. 

Advertisment

1. उच्च गुणवत्ता वाला रेशम: मैसूर सिल्क की साड़ियों को बनाने में बेहद महीन और उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के धागों का इस्तेमाल किया जाता है. यह रेशम कर्नाटक राज्य में पाए जाने वाले विशेष रेशम के कीड़ों से प्राप्त होता है.

2. शुद्ध सोने का जरी: मैसूर सिल्क की साड़ियों की खासियत इन पर किया जाने वाला जरी का काम होता है. इस जरी में 65% शुद्ध चांदी और 0.6% सोने का इस्तेमाल किया जाता है. सोने और चांदी के धागों को बारीकी से बुना जाता है, जो साड़ी को एक शाही और लग्जरी रूप देता है.

3. जटिल हस्तशिल्प: मैसूर सिल्क की साड़ियों को बनाने में कुशल कारीगरों का हाथ होता है. ये कारीगर पीढ़ियों से चली आ रही तकनीकों का इस्तेमाल करके साड़ियों पर जटिल डिजाइन बनाते हैं. इस हस्तशिल्प में काफी मेहनत और समय लगता है, जिससे इन साड़ियों की कीमत बढ़ जाती है.

4. टिकाऊपन: उच्च गुणवत्ता वाले रेशम और मजबूत जरी के कारण मैसूर सिल्क की साड़ियाँ बेहद टिकाऊ होती हैं. इन साड़ियों को अगर संभालकर रखा जाए तो ये पीढ़ियों तक चल सकती हैं. 

5. भौगोलिक संकेत: मैसूर सिल्क को भारत सरकार द्वारा भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया है. इसका मतलब है कि असली मैसूर सिल्क की साड़ियाँ केवल कर्नाटक राज्य के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में ही बनाई जा सकती हैं. यह टैग उत्पाद की मौलिकता और गुणवत्ता की गारंटी देता है, जिससे इसकी कीमत भी बढ़ जाती है. 

मैसूर सिल्क की साड़ियों की ऊंची कीमत उच्च गुणवत्ता वाले रेशम, असली सोने के जरी, कुशल हस्तशिल्प, टिकाऊपन और भौगोलिक संकेत टैग जैसी विशेषताओं का नतीजा है. मैसूर सिल्क की साड़ियाँ मैसूर शहर के कई दुकानों और शोरूम में उपलब्ध हैं. आप इन्हें ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.

यह भी पढ़ें: Denim Outfit Ideas: गर्मियों के लिए टॉप 5 डेनिम आउटफिट आइडिया जो देंगी आपको कूल और क्लासी लुक

Source : News Nation Bureau

silk sarees mysore crepe silk sarees Fashion tips Fashion pure mysore silk sarees ksic mysore silk sarees mysore silk mysore silk sarees saree tales mysore silk saree
      
Advertisment