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अपने लकड़ी के फर्नीचर की चमक रखें बरकरार, अपनाये ये टिप्स

बारिश के मौसम के दौरान लकड़ियों के फर्नीचर की देखभाल बेहद जरूरी है। फर्नीचर के कोनों, उसके निचले और पिछले भागों को महीने में कम से कम एक बार जरूर साफ करना चाहिए।

Updated on: 14 Aug 2017, 07:34 AM

नई दिल्ली:

बारिश के मौसम के दौरान लकड़ियों के फर्नीचर की देखभाल बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि फर्नीचर के कोनों, उसके निचले और पिछले भागों को महीने में कम से कम एक बार जरूर साफ करना चाहिए, खासकर मानसून के दौरान यह जरूर करें। 'द वी रिनायसेंस' के संस्थापकों विपुल अमर और हरशीन अरोड़ा, रेंटोमोजो में विजुअल मर्चेडाइजिंग मैनेजर दीपक असर ने फर्नीचर की देखभाल के संबंध में ये सुझाव दिए हैं।

लकड़ी के फर्नीचर को दरवाजों, खिड़कियों से दूर रखें, ताकि ये बारिश के पानी या लीकेज के संपर्क में नहीं आ सके।

* फर्नीचर का पॉलिश भी उसे मजबूत, चमकदार व टिकाऊ बनाता है, इसलिए हमेशा लैकर (रोगन) या वार्निश का एक कोट दो सालों में जरूर लगाएं, जिससे पोर या छोटे सुराख भर जाएं और ये ज्यादा दिन टिक पाए।

छोटे फर्नीचर के लिए लैकर स्प्रे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, जो नजदीकी हार्डवेयर स्टोर में उपलब्ध होता है।

फर्नीचर के लेग को फर्श की नमी के संपर्क में आने से रोकने के लिए लेग के नीचे वॉशर लगाएं।

* घर को साफ रखें, जिससे घर में नमी का सही स्तर सुनिश्चित होगा, जो लकड़ी के फर्नीचर के अनुकूल है। एयर कंडीशनर भी मददगार साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये घर में हवा को ताजा रख कर और घर को ठंडा रखकर नमी के स्तर में वृद्धि को रोकते हैं।

* लकड़ी के फर्नीचर को साफ करने के लिए गीले कपड़े का इस्तेमाल नहीं करें, बल्कि साफ, सूखे कपड़े का इस्तेमाल करें।

* मानसून के दौरान लकड़ी का फर्नीचर नमी के चलते फूल जाता है, इससे ड्रॉर खोलने और बंद करने में दिक्कत होती है। फर्नीचर पर ऑयलिंग या वैक्सिंग करके इसे रोका जा सकता है। बढ़िया फिनिश के लिए स्प्रे-ऑन-वैक्स आजमाएं।

* मानसून के दौरान घर की मरम्मत या सौंदर्यीकरण के काम को शुरू करने से बचें। इस समय नमी का स्तर ज्यादा होता है। ऐसे में पेंटिंग या पॉलिशिंग बढ़िया परिणाम नहीं देंगे और इससे आपका लकड़ी का फर्नीचर खराब हो सकता है।

* कपूर या नेप्थलीन बॉल नमी को अच्छे से अवशोषित कर लेते हैं। ये कपड़ों के साथ ही वार्डरोब को दीमक और अन्य कीड़े लगने से बचाते हैं। इस काम के लिए नीम की पत्तियों और लौंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।