गर्मियों के मौसम में चिलचिलाती धूप और यूवी रेडिएशन की वजह से त्वचा में नमी कम हो जाती है, जिस वजह से त्वचा रूखी, मुरझाई तथा बेजान हो जाती है और त्वचा का रंग सामान्य से ज्यादा गहरा या काला हो जाता है।
सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने इस मौसम में त्वचा की देखभाल के उपाय बताते हुए कहा कि इस समय सूर्य की किरणों से त्वचा के बचाव के लिए सनस्क्रीन का लेप काफी प्रभावी माना जाता है।
इसके अलावा टोपी पहनना, छाता लेकर चलना तथा दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक घर में रहना वैकल्पिक उपाय माने जाते हैं। अगर आपको भरी दोपहर में घर से निकलना ही पड़े तो सूर्य की गर्मी से बचाव करने वाली सनस्क्रीन बाजार में उपलब्ध है।
सूर्य की गर्मी तथा वायु प्रदूषण से चेहरे पर कील -मुहांसे, छाइयां, काले दाग, ब्लैकशेड तथा पसीने की बदबू की समस्या हो जाती है।
कैसे झुलसती है त्वचा
सूर्य के सीधे प्रभाव में आने से त्वचा में मेलेनिन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि त्वचा की रंगत को प्रभावित करती है। मेलेनिन वास्तव में सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करता है।
मेलेनिन जब त्वचा के निचले हिस्सों में पैदा होने के बाद इसके ऊपरी बाहरी हिस्सों तक पहुंचता है तो त्वचा की रंगत काली पड़ जाती है।
शहनाज ने कहा कि सूर्य की गर्मी से झुलसी त्वचा की रंगत को दुबारा हल्की रंगत में लाने के लिए त्वचा के अनुरूप फेशियल स्क्रब का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपकी त्वचा शुष्क हो तो सप्ताह में मात्र एक बार ही स्क्रब का उपयोग करना चाहिए, लेकिन तैलीय त्वचा में इसका उपयोग दोहरा सकते हैं।
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स्क्रब को त्वचा पर आहिस्ता से गोलाकार स्वरूप में उंगलियों के सहारे लगाना चाहिए और कुछ समय बाद इसे ताजे सादे पानी से धो डालना चाहिए। इससे त्वचा की मृत कोशिकाएं हट जाती हैं जिससे त्वचा में निखार आ जाता है।
शहनाज ने कहा कि रसोई में रखे उत्पादों से आसानी से स्क्रब बनाया जा सकता है। वास्तव में रसोई में रखे अनेक उत्पादों को झुलसी त्वचा को ठीक करने के लिए सीधे तौर पर लगाया जा सकता है।
सौंदर्य विशेषज्ञ के सुझाव
Source : News Nation Bureau