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सफलता की खूबसूरत कहानी : पिता रिक्शा चालक, बेटी बनी मिस इंडिया रनर-अप

कुशीनगर जिले के हाटा निवासी ओमप्रकाश सिंह की पुत्री मान्या सिंह ने मुंबई में आयोजित फेमिना मिस इंडिया 2020 में फर्स्ट रनर अप बनकर कर पुरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है. बता दें कि मान्या सिंह को इस मुकाम पर पहुंचने की कहानी किसी प्रेरणा से काम नहीं है

Updated on: 13 Feb 2021, 02:16 PM

मुंबई :

कुशीनगर जिले के हाटा निवासी ओमप्रकाश सिंह की पुत्री मान्या सिंह ने मुंबई में आयोजित फेमिना मिस इंडिया 2020 में फर्स्ट रनर अप बनकर कर पुरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है. बता दें कि मान्या सिंह को इस मुकाम पर पहुंचने की कहानी किसी प्रेरणा से काम नहीं है. मान्या सिंह कहती हैं, 'तू खुद की खोज में निकल, तू किस लिए हदास है, तू चल… तेरे वजूद को समय को भी तलाश है…’  उनके लिए ये जीत खास है क्योंकि यह कई रातों और कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद प्राप्त हुई है. 

मान्या ने सफलता की राह पर चल रहे संघर्षों के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट 'ThisIsMyStoy' लिख कर अपनी बात रखी है. बता दें कि 10 फरवरी की शाम को मुंबई में आयोजित हुए VLCC फेमिना मिस इंडिया 2020 के ग्रैंड फिनाले में मानसा वाराणसी ने अपने सिर पर मिस इंडिया 2020 का ताज सजाया. जबकि उत्तर प्रदेश की मान्या फर्स्ट रनर अप और मनिका शियोकांड दूसरी रनर अप रहीं.

मूल रूप से देवरिया जिले के विक्रम बिशनपुर निवासी ओमप्रकाश सिंह का परिवार लगभग 10 वर्ष पूर्व मुंबई चला गया जहां ऑटो चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं. उनकी पुत्री मान्या ने मिस इंडिया 2020 फर्स्ट रनर अप बनने का गौरव प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि वह मिस इंडिया द्वारा अपनी यात्रा तय कर इस मंच का उपयोग करके दूसरों को प्रेरित करने की आशा करती हैं. कुशीनगर में पैदा हुईं मान्या ने अपने एक पोस्ट में शेयर किया है कि वह कठिन परिस्थितियों में पली-बढ़ीं, बिना भोजन के रातें बिता चुकी हैं और केवल कुछ रुपए बचाने के लिए मीलों पैदल चली हैं. वह उन किताबों और कपड़ों के लिए तरस गईं जिसे वह खरीदना चाहती थीं. उनका भाग्य शायद कभी उनके पक्ष में नहीं था.

मान्या बताती हैं कि उनके माता-पिता ने मान्या की परीक्षा की फीस का भुगतान करने के लिए जो छोटे-मोटे गहने थे वो भी गिरवी रख दिए थे। मिस इंडिया ने पिछले महीने साझा की गई पोस्ट में मान्या सिंह के बारे में कहा, "उनका मानना है कि शिक्षा सबसे मजबूत हथियार है जो हर समय खुद के पास हो सकता है."

मान्य सिंह ने बताया 'कॉलेज के दौरान किसी को नहीं पता था कि मेरे पिता ऑटो रिक्शा चलते हैं, जब सब को पता चला तो कोई मुझसे बात नहीं करता था'. साथ ही, जब उन्हें इसकी खबर हुई कि मैं पिज्जा हट और कॉल सेंटर में भी काम कर चुकी हूं तो लोग बोलते थे क्या कर रही हूं. इतना ही नहीं, जब मैं उनके सामने मिस इंडिया बनने की ख्वाहिश जाहिर करती तो वे मुझमें ढेर सारी कमिया निकालकर कहते थे कि तुम मिस इंडिया नहीं बन सकती.