दिल्ली AIIMS में न्यूरो-रोबॉट से मिर्गी की सर्जरी, कैंसर-दिल की बीमारी का भी 2025 में होगा एडवांस ट्रीटमेंट

Delhi AIIMS: मेडिकल साइंस में हुए कई बड़े बदलावों से कैंसर और दिल की बीमारी का भी एडवांस ट्रीटमेंट किया जाएगा. इतना ही नहीं डायबिटीज-पथरी के मरीजों को भी नई टेक्नॉलजी की मदद से जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाएगी.

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Neha Singh
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Avance Teatment in 2025: साल 2025 मरीजों के लिए राहत की खबर लेकर आया है. एक तरफ दिल्ली AIIMS में मिर्गी की सर्जरी न्यूरो-रोबॉट से की जा रही है. वहीं  मेडिकल साइंस में हुए कई बड़े बदलावों से कैंसर और दिल की बीमारी का भी एडवांस ट्रीटमेंट किया जाएगा. इतना ही नहीं डायबिटीज-पथरी के मरीजों को भी नई टेक्नॉलजी की मदद से जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाएगी. AI यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसा संभव हो पा रहा है. पहले जहां डॉक्टर्स अपनी पढ़ाई और अनुभव के आधार पर लोगों की सर्जरी किया करते थे. वहीं अब रोबॉटिक तकनीक को AI और मजबूत कर रहा है. यानि अब कोई भी सर्जरी 2025 में और ज्यादा सटीकता से की जाएगी. 

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ब्रेन सर्जरी को रोबॉटिक्स ने बनाया आसान और सटीक 

ब्रेन की सर्जरी सबसे खतरनाक सर्जरी मानी जाती हैं. पहले जहां दिमाग के गहरे हिस्सों तक पहुंचकर सर्जरी करना थोड़ा मुश्किल भरा था, लेकिन अब न्यूरोसर्जरी में रोबॉटिक्स के आने के बाद  सर्जन को दिमाग के किसी भी हिस्से में आसानी से पहुंचकर सटीकता से सर्जरी कर पाएंगे. इसे और बेहतर बनाने के लिए लगातार रिसर्च चल रही हैं. वहीं  दिल्ली के एम्स में न्यूरो-रोबॉट का इस्तेमाल मिर्गी की सर्जरी के लिए होना शुरू भी हो गया है. 

ये हुआ बदलाव 

पहले गंभीर मामलों में डॉक्टर्स कई बार अनुमान पर काम करते थे. दिमाग में असल परेशानी की जगह को खोजना मुश्किल होता था, लेकिन अब एमआर इमेजिंग (MRI) पहले की तुलना में काफी विकसित हो चुकी है. DTI, DWI, और fMRI जैसे ज्यादा अडवांस सॉफ्टवेयर पहले की तुलना में काफी सटीक और बेहतर इमेज दे रहे हैं.

सर्जरी के बिना इलाज मुमकिन

स्टीरियो-इलेक्ट्रोएन्सेफालोग्राफी (SEEG) तकनीक आने के बाद मिर्गी के मामलों में कई बार सर्जरी के बिना इलाज मुमकिन हो रहा है. इसमें बहुत पतले इलेक्ट्रोड को मिर्गी के इलाज के लिए बिना खून निकाले दिमाग में डाला जाता है. ये इलेक्ट्रोड दिमाग में मिर्गी के दौरे की पैदाइश की पहचान करने के साथ-साथ ब्रेन में मौजूद इलेक्ट्रोड्स को उत्तेजित भी कर सकते हैं.

कैंसर इलाज के लिए तैयार होंगी व्यक्तिगत दवाएं

2025 में कैंसर इलाज के लिए व्यक्तिगत दवाएं तैयार होंगी. हर शख्स का जीनोम अलग-अलग होता है, इसलिए इलाज भी अलग-अलग होगा. इसे प्रिसिजन मेडिसिन भी कहते हैं. इसके साथ ही टार्गेटेड कीमोथेरपी का इस्तेमाल किया जाएगा. ये मरीजों के लिए ज्यादा कारगर साबित होगी. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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