Easter Sunday 2025: ईस्टर संडे ईसाई धर्म का काफी महत्वपूर्ण त्योहार है. यह त्योहार यीशु मसीह के पुनरुत्थान की खुशी में मनाया जाता है. हर साल यह त्योहार वसंत ऋतु में आता है, जो गुड फ्राइडे के दो दिन बाद संडे के दिन मनाया जाता है. गुड फ्राइडे को जहां पर शोक का दिन कहते हैं वहीं यह दिन सभी लोगों के लिए खास होता है. इस साल ईस्टर संडे 20 अप्रैल को मनाया जा रहा है. ईस्टर के दिन अंडों को सजाने और उपहार देने की परंपरा है. आइए आपको बताते हैं कि इस दिन आखिर लोग गिफ्ट में अंडे क्यों देते हैं.
ईस्टर क्यों मनाया जाता है
ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु मसीह को ईश्वर का पुत्र माना जाता है. वे लोगों को एक-दूसरे की मदद करने, नफरत को त्याग कर प्रेम को अपनाने और ईश्वर में आस्था रखने की सीख देते थे. लेकिन उनकी लोकप्रियता और बढ़ती हुई मान्यता से कुछ लोग चिंतित हो गए और उन्होंने झूठे आरोपों के आधार पर यीशु को सूली पर चढ़ा दिया.
ईस्टर का महत्व
यह दिन ईसाई धर्म में महत्व रखता है. देश में ईस्टर डे के मौके पर सजावट होती है. मोमबत्तियां जलाकर हर तरफ रोशनी कर दी जाती है. लोग घरों में भी मोमबत्तियां जलाते हैं. यीशु को याद करते हैं और बाइबल का पाठ करते हैं. इसके अलावा इस दिन लोग एक दूसरे को ईस्टर की बधाई देते हैं और गिफ्ट देते हैं इस दिन लोग गिफ्ट के तौर पर एक दूसरे को अंडे देते हैं.
क्या है अंडा देने की मान्यता?
प्राचीन काल से ही अंडे को नई शुरुआत की निशानी के तौर पर देखा जाता है. जब यीशु मसीह ने मृत्यु के तीन दिन बाद पुनर्जन्म लिया, तो यह घटना भी एक नई शुरुआत और पुनर्जन्म का प्रतीक बनी. इसलिए अंडे को ईस्टर के साथ जोड़ा गया और यह यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशी और एक नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक बन गया.
गुड फ्राइडे का महत्व
यहां पर गुड फ्राइडे को भले ही सही मानते है लेकिन इसे शोक दिवर माना जाता है. इस दिन ईसाई समुदाय के लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं. तमाम लोग यीशु के लिए उपवास भी रखते हैं. उपवास को करने के बाद मीठी रोटी बनाकर खाई जाती है. इस दिन मंदिर में घंटे की बजाय लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं. लोग दान-पुण्य वगैरह करते हैं और बढ़-चढ़कर अच्छे काम करते हैं. साथ ही इस दिन प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण किया जाता है.