क्या आपका बच्चा भी पीता है बोतल से दूध? कैविटी से बचाने के लिए करें ये उपाय

Milk Bottle Cavity: अगर आप बच्‍चा भी स्‍तनपान करने के बजाय बोतल से दूध पी रहा है, तो उसके दांतों पर ध्‍यान दें. बच्‍चों में मिल्‍क बॉटल कैविटी, या बेबी बोतल सिंड्रोम की समस्‍या बढ़ रही है.

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Neha Singh
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Milk Bottle Cavity

Milk Bottle Cavity

Milk Bottle Cavity:पेरेंट्स अपने न्‍यूबॉर्न बेबी को हेल्‍दी रखने के लिए तमाम प्रयास करते हैं. लेकिन कई बार बच्चे की ओरल हेल्‍थ पर ध्‍यान देना भूल जाते हैं. अगर बच्‍चे की ओरल हेल्‍थ को इग्‍नोर कर दिया जाए, तो बच्‍चों को दांतों में सड़न और कैविटी बहुत जल्‍दी होती है. अगर आप बच्‍चा भी स्‍तनपान करने के बजाय बोतल से दूध पी रहा है, तो उसके दांतों पर ध्‍यान दें. बच्‍चों में मिल्‍क बॉटल कैविटी, या बेबी बोतल सिंड्रोम की समस्‍या बढ़ रही है. चिंता की बात यह है कि खराब मौखिक स्वास्थ्य दांतो की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का कारण बन सकता है, जिसका सीधा संबंध हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह से भी जुड़ा हुआ है. डेंटिस्‍ट डॉ. प्रीति अरोरा ने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके मिल्‍क बॉटल कैविटी के बारे में बात की है. आइए जानते हैं आखिर क्या है मिल्‍क बॉटल कैविटी और एक्सपर्ट के अनुसार क्या है इस समस्या से बचने के उपाय.

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बच्चों में क्यों होती है मिल्‍क बॉटल कैविटी

एक्सपर्ट्स के अनुसार, छोटे बच्‍चे दिन में कई बार बोतल से दूध पीते हैं. कई बार तो रात को भी दूध की बोतल उनके मुंह में लगी रहती है. ऐसे में जब पेरेंटस अपने बच्चे को बोतल में मीठा दूध भरकर पीने के लिए देते हैं तो कई बार उनके दूध में मौजूद शक्‍कर उनके दांतों पर चिपकी रह जाती है. चूंकि छोटे बच्चे ब्रश नहीं करते हैं तो दांतों में चिपकी यह शक्‍कर उनके दांतों को खराब कर देती है, जिसे मिल्क बॉटल कैविटी की समस्या कहा जाता है.

जानिए क्या है मिल्‍क बॉटल कैविटी

मिल्‍क बॉटल कैविटी को बेबी बोतल सिंड्रोम,नर्सिंग बॉटल कैरीज और बेबी बोतल टूथ डिके के नाम से भी जाना जाता है. मिल्‍क बॉटल कैविटी ओरल हेल्‍थ पर ध्‍यान ना देने की वजह से पैदा होती है. इस समस्या के होने पर पहली बार बच्चे के गम लाइन के पास सफेद धब्‍बे दिखाई देते हैं.जैसे-जैसे सड़न बढ़ती है, धब्‍बे भूरे रंग के हो जाते हैं.

छोटे बच्चे के दांत रूमाल से करें साफ 

छोटे बच्चों को ब्रश नहीं करवाया जाता है. ऐसे में दांतों पर चिपकी शक्कर को साफ करने के लिए आप बच्चे को दूध पिलाने के बाद साफ, मुलायम और पतले कपड़े का एक रूमाल लेकर रोजाना दिन में दो बार बच्चे के मसूड़ों को पोंछकर साफ करें ताकि शक्कर दांतों पर चिपकी ना रहें.

बोतल से दूध पिलाने के समय ये बात रखें ध्यान 

आपके बच्चे ने अगर भोजन करना शुरू कर दिया है तो उसे दूध की बोतल मुंह में रखकर सोने की आदत न डालें. ऐसा करने से बच्चों के दांतों पर शक्कर जमा रह जाती है, जिससे दांतो को खराब करने वाले बैक्टीरिया जमा होकर दांतो की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का कारण बनने लगते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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