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Diabetic Retinopathy: क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी बीमारी? यहां जानें इसके लक्षण और उपाय

डायबिटीज एक खतरनाक क्रोनिक बीमारी है, जिसका असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल अधिक बढ़ा रहता है उन लोगों में डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का खतरा ज्यादा होता है. ये बीमारी सीधा रेटिना पर असर डालती है और उसके फंक्शन को बिगाड़ देती हैं.

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Pooja Kumari
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Diabetic Retinopathy
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Diabetic Retinopathy: आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है. ये एक लाइफस्टाइल से जुड़ी गंभीर बीमारी है. अगर इसे कंट्रोल में नहीं रखा जाए तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती है. शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल और खान-पान पर विशेष ध्यान देना होता है. लेकिन आजकल के अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के चक्कर में कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं. बता दें कि ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने पर डायबिटीज मरीजों के आंखों पर इसके गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं. जानकारी के मुताबिक डायबिटीज मरीजों को अक्सर आंखों से जुड़ी डायबिटिक रेटिनोपैथी की दिक्कत आती है. जिसकी वजह से लोग अंधेपन का शिकर होने लगते हैं.

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण 

वैसे तो शुरुआती दौर में इसके कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते. लेकिन समय के साथ-साथ आंखों की रोशनी में धुंधलापन आने लगता है. जिसके कारण लोगों को कम दिखाई देने लगता है. कई बार तो ये भी देखा जाता है कि कुछ मरीजों को इसकी वजह से बार-बार चक्कर आने की समस्या होने लगती है. और मरीजों को सिर दर्द की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है. 

क्या कहते हैं डॉक्टर 

डॉक्टर्स का कहना है कि डायबिटिक रेटिनोपैथी की बीमारी कई बार इतनी खतरनाक हो जाती है कि इससे मरीज के आंखों की रोशनी तक जा सकती है. बता दें कि जो लोग डाबिटीज के पेशेंट और अधिक धूम्रपान करते हैं उनके लिए इस बीमारी को होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है. WHO के मुताबिक, आंखों की अलग-अलग बीमारियों के बाद डायबिटिक रेटिनोपैथी दुनियाभर में अंधेपन की दूसरी सबसे बड़ी वजह है. अगर आपको इसके लक्षण दिखाई देने लगे तो इसे इग्नोर न करें, बल्कि तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें. 

किन लोगों को ज्यादा खतरा 

डायबिटीज एक खतरनाक क्रोनिक बीमारी है, जिसका असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल अधिक बढ़ा रहता है उन लोगों में डायबिटिक रेटिनोपैथी होने का खतरा ज्यादा होता है. ये बीमारी सीधा रेटिना पर असर डालती है और उसके फंक्शन को बिगाड़ देती हैं. ऐसे में समय रहते इसकी पहचान न हो तो व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए. हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस डाइट और नियमित व्यायाम डायबिटिक रेटिनोपैथी के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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