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crossing legs
कई बार हम अपने बैठने के तरीके चेंज करने के लिए अपने पैरों को क्रॉस करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं अगर ये आपकी नॉर्मल आदत है, तो इससे आपके नेचर की कुछ अहम बातों का पता चलता है. हमारी बॉडी लैंग्वेज हमारी पर्सनालिटी के बारे में बहुत कुछ कहती है. जिस तरह हम चलते हैं, बात करते हैं या बैठते हैं, वो हमारे मूड और नेचर को बयां करता है. अक्सर देखा जाता है कि लोग बैठते वक्त अपने पैर क्रॉस करके रखते हैं. ये एक आम आदत है, लेकिन साइकोलॉजिस्ट की नजर से यह आपकी पर्सनालिटी के कई राज खोलती है.
कॉन्फिडेंस और एटीट्यूड
पैर क्रॉस करके बैठना कई बार कॉन्फिडेंस का सिंबल माना जाता है. ऐसे लोग अक्सर अपने विचारों को लेकर क्लियर होते हैं और भीड़ में अलग दिखना पसंद करते हैं. ये पोज एक नेचुरल एटीट्यूड को भी दर्शाता है.
क्रिएटिव और इमैजिनेटिव नेचर
साइकोलॉजिस्ट मानते हैं कि जो लोग पैर क्रॉस करके बैठते हैं, वो ज्यादा क्रिएटिव और इमैजिनेटिव होते हैं. ऐसे लोग नए आइडियाज लाने में माहिर होते हैं और बदलाव से डरते नहीं. वे खुले दिमाग वाले होते हैं और नई चीजें एक्सप्लोर करना पसंद करते हैं.
डिफेंसिव नेचर
कई बार पैर क्रॉस करके बैठना डिफेंसिव नेचर को भी दिखाता है. यानी शख्स खुद को सुरक्षित महसूस करना चाहता है या किसी परिस्थिति से बचाव कर रहा है. यह संकेत हो सकता है कि सामने वाला व्यक्ति अपनी भावनाएं पूरी तरह से प्रकट नहीं करना चाहता.
सोशल और फ्रेंडली एटीट्यूड
अगर कोई आराम से पैर क्रॉस करके बैठा है तो ये बताता है कि वो इंसान बातचीत में दिलचस्पी ले रहा है और माहौल को कैजुअल बनाना चाहता है. ऐसे लोग फ्रेंडली होते हैं और रिश्तों में जल्दी घुल-मिल जाते हैं.
महिलाओं में एलीगेंस
महिलाओं में यह पोज शालीनता और एलीगेंस से जुड़ा माना जाता है. खासकर फॉर्मल प्लेसेज पर बैठते समय पैर क्रॉस करना ग्रेस और क्लास का साइन होता है.
हेल्थ फैक्ट्स
जहां ये पोज पर्सनालिटी को बयां है, वहीं लंबे समय तक पैर क्रॉस करके बैठना सेहत के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है. इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन अफेक्ट होता है और वेन प्रॉब्लम या सुन्न हो जाने की परेशानी हो सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.