Guillain Barre Syndrome: गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) के मामलों की संख्या बढ़ रही है. महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में सिंड्रोम के संदिग्ध और पुष्ट मामलों की संख्या 197 पहुंच चुकी है. GBS के 5 और मरीजों का पता चला है. हेल्थ डिपार्टमेंट के एक अधिकारी के मुताबिक 20 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. जबकि 50 ICU में भर्ती हैं. देश में अब तक 7 मरीज इसकी वजह से अपनी जान गवां चुके हैं. मुंबई में इस बीमारी के चलते 53 साल के व्यक्ति की मौत हो गई. बीते दिनों असम और झारखंड में भी एक-एक मामले सामने आए थे. ऐसे में लोगों के मन में एक ही सवाल है कि क्या गुलियन बेरी सिंड्रोम एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है? आइए जानते हैं इसके बारे में.
गुलियन बेरी सिंड्रोम होने पर शरीर में दिखते ये बदलाव
- हाथ-पैर की उंगलियों, कलाइयों और टखनों में सूई की तरह चुभने का अहसास.
- शरीर के ऊपरी हिस्से और पैरों में बहुत ज्यादा कमजोरी आने लगती है.
- पैदल चलने में और सीढ़ियों पर चलने में दिक्कत होती है.
- चेहरे के हाव-भाव में परिवर्तन आने लगता है.
- खाना खाने में और बोलने में भी परेशानी होती है.
- आंखों से एक ही चीज दो-दो दिखाई देने लगती है.
- बहुत ज्यादा बदन दर्द करने लगता है.
- पेशाब और स्टूल पर कंट्रोल करना मुश्किल होने लगता है.
- हार्ट रेट बढ़ जाता है. सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है.
- अगर बीमारी बढ़ती है तो नसें डैमेज होने लगती है.
किस वजह से होता है गुलियन बेरी सिंड्रोम?
गुलियन बेरी सिंड्रोम किस कारण होता है, इसका अब तक कोई सटीक प्रमाण सामने नहीं आया है. शुरुआती अध्ययनों में पता चला है कि यह किसी वायरस के संक्रमण के बाद या इम्यून सिस्टम में खराबी के बाद हो सकता है. नसें डैमेज होने पर भी यह बीमारी हो सकती है. डायरिया या रिस्पायरेटरी इंफेक्शन के बाद भी यह बीमारी हो सकती है.
क्या इंसानों में एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैल सकता है GBS?
गुलियन बेरी सिंड्रोम एक रेयर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. आमतौर पर इसके मामले नहीं देखे जाते. गुलियन बेरी सिंड्रोम बहुत रेयर होता है जो करीब 78 हजार में एक व्यक्ति को हो सकता है. यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है. अगर वक्त पर जांच और इलाज किया जाए, तो मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)