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शादियों का सीजन शुरू हो चुका है, इस महीनों लाखों शादियां होने वाली है.कई लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत भी कर चुके हैं. अगले महीने यानी दिसंबर में खूब शादियां होने वाली है. शादी के तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है.इन तैयारियों के साथ-साथ जो सबसे जरूरी बात है जिसे लोग अक्सर इंग्नोर कर देते हैं. हम बात कर रहे हैं शादी से पहले कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट की. क्योंकि शादी के बाद आपकी जिंदगी अच्छी गुजरे इसके लिए आपको इन टेस्ट को कराना जरूरी है.
एन न्यूज चैनल से बात करते हुए डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं कि शादी से पहले मेडिकल टेस्ट कराने का प्रचलन काफी बढ़ रहा है.जिसका मकसद है शादी के बाद पति-पत्नी शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहे. मेडिकल टेस्ट करवा कर किसी भी समस्या से बचा जा सकता है. अनुवांशिक बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया और कई बल्ड से संबंधित बीमारियां पीढ़ियों से चलती आ रही है. शादी से पहले इन टेस्ट से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं खासकर जो अनुवांशिक है.
रिप्रोडक्टिव हेल्थ की जानकारी
प्रेग्नेंसी कैपिसिटी और प्रेग्नेंसी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं कई जोड़ों के लिए बहुत ही संसेटिव मैटर रहा है. शादी से पहले टेस्ट करवाने से यह पता चल जाता है कि STDs, HIV सिफिलिस, गोनोरिया जैसी कोई बीमारी तो नहीं.
ब्लड ग्रुप का पता होना चाहिए
शादी से पहले ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी होना चाहिए.अगर पति-पत्नी का ब्लड ग्रुप अलग-अलग है, खासकर जब पत्नी का ब्लड ग्रुप Rh-negative और पति का Rh-positive हो,तो इससे प्रेग्नेंसी में समस्याएं आ सकती हैं.
संक्रामक रोगों की जांच
आज-कल कई तरह के संक्रामक रोग (infectious disease) हैं, जो एक आसानी फैलते हैं और दूसरों को बीमार करते हैं.कुछ संक्रामक रोग जैसे टीबी, हेपेटाइटिस बी और सी गंभीर हो सकते हैं.
किन्हें मेडिकल टेस्ट कराना चाहिए?
जो लोग पारिवारिक शादी कर रहे हैं उन्हें अनुवांशिक बीमारियों की जांच करानी चाहिए.आज भी भारत में परिवार के द्वारा शादी कराई जाती है. ये लोग दूर के परिवार में शादी कराते हैं ऐसे में अनुवांशिक रोगों का खतरा ज्यादा रहता है. इसलिए ऐसे मामलों में मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी हो जाता है.
जोड़े जिनकी उम्र 30 से अधिक हो
अगर कोई कपल 30 साल से ज्यादा की उम्र का है. जो प्रेग्नेंसी स्वास्थ्य और हेल्थ की जांच करना जरूरी है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ प्रेग्नेंसी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई मामलों में महिलाओं को गर्भधारण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
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