जब भी जापान की बात होती है, तो लोगों के दिमाग में सबसे पहले जापान की लड़कियों का जिक्र दिमाग में आता है. सर्दी हो या फिर गर्मी हो जापान की लड़कियों को आपने अक्सर छोटी स्कर्ट में ही देखा होगा, लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते है. आइए आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं जिसे सुनने के बाद आपको यकीन नहीं होगा और आप हैरान हो जाएंगे.
ऐसे शुरू हुआ कल्चर
1990 में जापान में एक 'ग्यारू कल्चर' (Gyaru Culture) आया, यानी लड़कियों का एक ऐसा ट्रेंड, जिसमें वो वेस्टर्न स्टाइल में खुद को कूल दिखाने लगीं. उस समय की फेमस पॉप सिंगर नामी अमुरो हमेशा शॉर्ट स्कर्ट पहना करती थीं. जापानी टीनएज गर्ल्स ने भी उन्हें फॉलो करना शुरू किया. इसकी वजह से स्कूल यूनिफॉर्म की स्कर्ट भी छोटी होती चली गई.
टीन गर्ल्स की पहचान
जापान के पॉप कल्चर में स्कूल गर्ल्स की यूनिफॉर्म एक आइकॉनिक स्टाइल है. एनीमे, मंगा, जापानी टीवी ड्रामा और यहां तक कि के-पॉप वीडियो में भी यही स्टाइल दिखाया जाता है, जिससे ये और भी ज्यादा पॉपुलर हो गया है. आज के समय में ये मिनी स्कर्ट सिर्फ कपड़ा नहीं, जापानी टीन गर्ल्स की पहचान बन चुकी है. वो मानती हैं कि इससे वो क्यूट और स्टाइलिश दिखती हैं. ये उनके लिए स्टाइल के साथ ही स्टेटमेंट भी है. वो कहती हैं, 'हम जापान की गर्ल्स हैं और ये हमारी पहचान है.'
ठंड में भी स्कर्ट क्यों?
बहुत से लोग इसे देखकर सोचते हैं कि मिनी स्कर्ट तो ठीक है लेकिन ठंड में भी इसकी जरूरत क्या है. तो उन्हें बता दें कि जापानी स्कूली गर्ल्स को ठंड का भी पूरा ख्याल होता है. फर्क बस इतना है कि वो स्कर्ट के अंदर हीटिंग टाइट्स, थर्मल शॉर्ट्स, ऊनी मोज़े, जैकेट्स पहनती हैं, लेकिन स्कर्ट छोटी ही रखती हैं. क्योंकि उनका मानना है कि लुक कभी खराब नहीं होना चाहिए, चाहे मौसम कोई भी हो.
ये है वजह
बाहर माइनस 5 डिग्री टेंपरेचर हो या फिर बर्फ की चादर सब जगह फैली हो जापान की लड़कियां अक्सर शॉर्ट स्कर्ट में दिखती है. जिसे देखकर लोग फैशन समझते है लेकिन ये फैशन नहीं है. दरअसल, बल्कि उनकी स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा और उनकी पहचान है. लड़कियां इसे स्टाइल और गर्ल पावर का सिंबल मानती हैं. स्कूल गर्ल्स जो स्कर्ट पहनती है, वो स्कूल तय करता है और स्कूल ने मिनी स्कर्ट को ही अपने ड्रेस कोड (Japanese School Skirt Tradition) का हिस्सा बना रखा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है).