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कान छिदवाना यानी Ear Piercing फैशन से अलग भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है. ज्यादातर मां-बाप छोटी उम्र में ही बच्चों के कान छिदवा देते हैं. हालांकि, बच्चों के लिए यह अनुभव दर्दनाक न हो, साथ ही कान छिदवाते वक्त इंफेक्शन या किसी और तरह का खतरा न हो, इसके लिए कुछ खास बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी हो जाता है. कान किस उम्र में छिदवाने चाहिए और किस तरह छिदवाने चाहिए यह जानना जरूरी है. ऐसे में यहां जानिए बच्चे के कान छिदवाने को लेकर डॉक्टर का क्या कहना है.
क्या है सही उम्र
एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चे के कान छिदवाने की कोई फिक्स्ड उम्र नहीं होती है, लेकिन माता-पिता को बच्चे का कान तब छिदवाना चाहिए. जब बच्चा कान छिदवाने के लिए कहें या फिर वो इतना बड़ा हो कि अपना ध्यान रख लें. ऐसा इसलिए क्योंकि छिदे हुए कानों को रोजाना साफ करना जरूरी होता है तबतक जबतक कि वो पूरी तरह ठीक ना हो जाएं. इससे कान में किसी तरह का इंफेक्शन भी नहीं होता है. अगर छोटी उम्र में कान छिदवाने ही हैं तो कम से कम बच्चे के 6 महीने का हो जाने तक इंतजार करें. इस समय तक बच्चे का इम्यून सिस्टम डेवलप होने लगता है. डॉक्टर का कहना है कि उनके हिसाब से बच्चे का कान छिदवाने की सही उम्र 6 से 7 साल है.
कैसे इयरिंग्स चुनें
कान छिदवाने के बाद कान में दर्द होता है तो उस दर्द को कम करने के लिए नंबिंग क्रीम या बर्फ का इस्तेमाल किया जा सकता है. कान छेदने से पहले बच्चे के कान पर बर्फ मली जाए तो इससे दर्द कम होता है. बच्चे के कान छेदने के बाद कान से खून आना, सूजन और इंफेक्शन वगैरह का डर रहता है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह है कि कानों के लिए सोने के या फिर स्टेनलेस स्टील के इयरिंग्स चुनें. इससे एलर्जिक रिएक्शन का खतरा कम होता है.
कब तक पहनें इयरिंग्स
एक्सपर्ट के मुताबिक कान छेदने के बाद कान बंद ना हो जाएं. इसके लिए 6 से 7 हफ्तों तक कानों में इयरिंग्स रखना जरूरी होता है. डॉक्टर की सलाह है कि कानों में कम से कम 3 महीनों तक इयरिंग्स रखने चाहिए और इयरिंग्स को रोजाना घुमाना चाहिए जिससे कान बंद ना हो जाएं. अगर कानों में दर्द, सूजन और पस वगैरह जम जाए तो डॉक्टर से कंसल्ट करें
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.