Dead Body के साथ ही नहीं बल्कि Periods में भी महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाते हैं अघोरी

कुछ लोग मानते हैं कि मासिक धर्म (periods) के दौरान शारीरिक संबंध बनाना अनुचित या अपवित्र है, जबकि कुछ लोग इसे स्वीकार करते हैं और यहां तक कि इसका आनंद लेते हैं.

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Nidhi Sharma
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अघोरी

अघोरी Photograph: (Social Media)

मासिक धर्म (periods) के दौरान शारीरिक संबंध बनाना अनुचित या अपवित्र है, जबकि कुछ लोग इसे स्वीकार करते हैं और यहां तक कि इसका आनंद लेते हैं.  यह एक व्यक्तिगत पसंद है और विभिन्न संस्कृतियों और विश्वासों में इसके बारे में अलग-अलग विचार हो सकते हैं. लेकिन कई संस्कृतियों में महिलाओं के साथ मासिक धर्म के दौरान संबंध बनाए जाते है. जिसे फायदेमंद भी माना जाता है. ये लोग संबंध बनाने के दौरान ढोल-मंजीरे और नगाड़े का भी इस्तेमाल करते है. आइए आपको बताते है कि कौन-से लोग ऐसा करते है. 

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शिव और शक्ति की उपासना का तरीका

शव के साथ शारीरिक संबंध बनाने की प्रचलित धारणा है और खुद ये लोग इस बात को स्वीकार करते हैं. इसे वह शिव और शक्ति की उपासना का तरीका मानते हैं. उनका मानना है कि यदि शव के साथ शारीरिक क्रिया के दौरान मन ईश्वर की भक्ति में लगा रहे तो यह साधना का सबसे ऊंच्चतम स्तर है.

ढोल-मंजीरे के साथ संबंध

मान्यता तो ये भी है कि ये लोग महिलाओं के साथ ढोल-मंजीरे और नगाड़े के बीच संबंध बनाते हैं तो ये उनकी सबसे बड़ी शक्ति परीक्षा होती है. इस दौरान अगर वो शिव में लीन रह गए तो वे संपूर्ण रूप से अघोरी बन जाते हैं. एक तरह से यही इनके लिए ब्रह्मचर्य का पालन होता है. 

कौन है ये लोग

ये लोग और कोई नहीं बल्कि अघोरी है. अघोर पंथ अन्य साधु-संतों की तरह न तो ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं और न ही सात्विक आहार लेते हैं. ये शिव के भक्त कहे जाते हैं. शव से लेकर रजस्वला (मासिक धर्म के दौरान) स्त्री के साथ यौन संबंध बनाते हैं.  राख की धुनि लपेटे ये अघोरी कभी शवों के मांस खाते हैं तो कभी शव के साथ ही यौन संबंध बनाते हैं.अघोर यानी अ+घोर यानी जोकि घोर न हो कर सरल हो. अघोरी अपनी साधना में इसी सरलता को शामिल करते हैं. सीधे शब्दों में समझें तो इनके लिए शव-इंसान और गंदगी-सफाई सब एक जैसा है. यही कारण है कि ये किसी भी चीज से घृणा नहीं करते हैं.

क्यों बनाते है संबंध

शव के साथ अघोरी बाबाओं के शारीरिक संबंध बनाने की प्रचलित धारणा है और खुद अघोरी भी इस बात को स्वीकार करते हैं. इसे वह शिव और शक्ति की उपासना का तरीका मानते हैं. उनका मानना है कि यदि शव के साथ शारीरिक क्रिया के दौरान मन ईश्वर की भक्ति में लगा रहे तो यह साधना का सबसे ऊंच्चतम स्तर है.

 रजस्वला महिला संग शारीरिक संबंध

अघोर पंथ ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करते क्योंकि ये अपनी शक्तियों को जागृत करने के लिए कुछ परीक्षाएं देते हैं. वे अपनी इसी शक्ति को पाने के लिए ऐसी महिला के साथ जिसका मासिक धर्म चल रहा हो उसके साथ अघोरी शारीरिक संबंध बनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि ये काम उनके लिए शिव से अपने जुड़ाव को चेक करने का ही एक तरीका है. अघोरी शारीरिक संबंध बनाते हुए भी अगर भगवान शिव में लीन रह जाते हैं तो उन्हें विशेष शक्ति प्राप्त हो जाती है. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

 

 



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