/newsnation/media/media_files/PoyWh5hejBXMEMc9NQAJ.jpg)
Independence Day
15 August Songs: भारत का महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार स्वतंत्रता दिवस आज उत्साह से मनाया जा रहा है. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस दिन को सभी भारतीय बड़े गर्व और देशभक्ति के साथ मनाते हैं. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) हर साल की तरह ही ऐतिहासिक लाल किले से समारोह का नेतृत्व करेंगे. स्कूलों और कॉलेजों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. ऐसे में यहां हम आपके साथ बच्चों के लिए कुछ देशभक्ति गीत साझा कर रहे हैं जो उनके मन में अपने देश के लिए प्यार जगाएंगे. वह इन्हें स्कूल में भी गा सकते हैं.
1. नन्हा मुन्ना राही हूं...
नन्हा मुन्ना राही हूं, देश का सिपाही हूं
बोलो मेरे संग
जय हिंद, जय हिंद
जय हिंदरस्ते में चलूंगा ना डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंजिल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
दाहिने-बाएं, दाहिने-बाएं, थम
नन्हा मुन्ना…धूप में पसीना बहाऊंगा जहां
हरे-हरे खेत लहराएंगे वहां
धरती पे फाके न पाएंगे जनम
आगे ही आगे… नया है जमाना मेरी नई है डगर
देश को बनाऊंगा मशीनों का नगर
भारत किसी से रहेगा नहीं कम
आगे ही आगे… बड़ा हो के देश का सहारा बनूंगा
दुनिया की आंखों का तारा बनूंगा
रखूंगा ऊँचा तिरंगा परचम
आगे ही आगे… शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊंगा मैं प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूंगा कहीं बम
आगे ही आगे…
2. मेरे देश की धरती...
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं
गम कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुनके रहट की आवाज़ें यूं लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अंगड़ाइयां लेती है
क्यूं ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया, उसने ही पाया प्यार तेरा
यहां अपना पराया कोई नहीं है सब पे है मां उपकार तेरा
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
ये बाग है गौतम नानक का खिलते हैं चमन के फूल यहां
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक, ऐसे हैं अमन के फूल यहां
रंग हरा हरी सिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगत सिंह रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती…
3. छोड़ो कल की बातें...
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आज पुरानी जंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंजिल को जो छोड़ चुके हैं
चांद के दर पर जा पहुंचा है आज जमाना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून हैं नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी…
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना हैं रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी…
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं
अपने हाथों को अपना भगवान बनाएं
राम की इस धरती को गौतम की भूमी को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी…
हर जर्रा है मोती आंख उठाकर देखो
माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो
सोने की ये गंगा है चांदी की यमुना
चाहो तो पत्थर से धान उगाकर देखो
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी…
4. मां तुझे सलाम....
यहां वहां सारा जहां देख लिया है
कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है
मैं अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा है
नही कहे तेरे जैसा कोई नहीं
मैं गया जहां भी, बस तेरी याद थी
जो मेरे साथ थी
मुझको तड़पाती रुलाती
सब से प्यारी तेरी सूरत
प्यार है बस तेरा प्यार है
मां तुझे सलाम मां तुझे सलाम
अम्मा तुझे सलाम
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
तेरे पास ही मैं आ रहा हूं
अपनी बाहें खोल दे
जोर से मुझको गले लगा ले
मुझको फिर वो प्यार दे
तू ही जिंदगी है तू ही मेरी मोहब्बत है
तेरे ही पैरो में जन्नत है
तू ही दिल तू जान अम्मा
मां तुझे सलाम
मां तुझे सलाम
अम्मा तुझे सलाम
मां तुझे सलाम
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
वंदे मातरम् वंदे मातरम्
5. ऐ मेरे वतन के लोगों...
ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा..
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने हैं प्राण गवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आए, जो लौट के घर ना आए
ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी
जो शहीद हुये हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी
तुम भूल ना जाओ उनको इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुये हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी, जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में.. जब हम बैठे थे घरों में..
वो झेल रहे थे गोली
संगीन पे धर कर माथा, सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी, जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी सांस लडे वो.. जब तक थी सांस लडे वो,
फिर अपनी जान बिछा दी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी.
कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गुरखा कोई मद्रासी
सरहद पर मरने वाला.. सरहद पर मरनेवाला,
हर वीर था भारतवासी
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी
थी खून से लथपथ काया, फिर भी बंदुक उठाके
दस दस को एक ने मारा, फिर गिर गए होश गंवा के
जब अंत समय आया तो, कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी
तुम भूल ना जाओ उनको इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी
जय हिंद, जय हिंद की सेना जय हिंद, जय हिंद की सेना
यह भी पढ़ें : 1947 में लाल किले पर क्यों नहीं फहराया गया झंडा, जानिए Independence Day से जुड़ी रोचक बातें