कोलकाता, 27 जून (आईएएनएस)। लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप की घटना ने पश्चिम बंगाल सरकार पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाए हैं कि यह टीएमसी छात्र राजनीति के बैनर तले की गई सुनियोजित राजनीतिक क्रूरता है। भाजपा ने मांग की है कि ममता बनर्जी को इस घटना पर जवाब देना चाहिए।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एफआईआर की कॉपी का कुछ हिस्सा साझा किया है, जिसमें पीड़िता की तरफ से घटनाक्रम की जानकारी दी गई थी। अमित मालवीय ने बताया कि मोनोजित मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी तीनों इस गैंगरेप केस के आरोपी हैं।
पीड़िता की शिकायत के कुछ प्वाइंट उठाते हुए अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कॉलेज के गार्ड को गार्ड रूम से बाहर जाने के लिए कहा गया, ताकि वो उसके साथ अंदर छेड़छाड़ कर सकें। उसने गार्ड से मदद की भीख मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। यूनियन रूम का गेट अंदर से बंद कर दिया गया था, जहां उसे कहा गया कि अगर उसे कॉलेज की राजनीति में कोई पद चाहिए तो उसे टीएमसी के प्रति अपनी वफादारी साबित करनी होगी।
अमित मालवीय ने लिखा, ये सिर्फ बलात्कार नहीं है। ये टीएमसी छात्र राजनीति के बैनर तले की गई सुनियोजित राजनीतिक क्रूरता है। ममता बनर्जी को जवाब देना चाहिए कि इन राक्षसों को इतनी ताकत किसने दी? उन्हें किसने बताया कि बलात्कार वफादारी की वैध परीक्षा है?
एक अन्य पोस्ट में अमित मालवीय ने दावा किया कि गैंगरेप केस में गिरफ्तार आरोपी मोनोजित मिश्रा एक पूर्व छात्र और टीएमसीपी (तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद) का सदस्य है। उन्होंने कहा, टीएमसी शासन में बंगाल की ध्वस्त होती कानून व्यवस्था में एक और शर्मनाक अध्याय जुड़ गया है। ये घटना एकमात्र नहीं है। ये महिलाओं की सुरक्षा करने में टीएमसी की विफलता और उनकी खतरनाक छात्र राजनीति को दर्शाती है, जो कैंपस को अपराध क्षेत्र की तरह मानती है।
अमित मालवीय ने इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल में विरोध करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हम इसे हर मंच पर और हर गली में तब तक उठाएंगे जब तक न्याय नहीं मिल जाता।
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