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लव जिहाद को मजहब के चश्मे से नहीं देखना चाहिए : शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
बरेली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का प्रकरण सामने आने के बाद एक बार फिर से प्रदेश में लव जिहाद को लेकर पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लव जिहाद को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद प्रदेश की सियासत तेज हो सकती है। उन्होंने कहा कि लव जिहाद को मजहब के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि लव जिहाद के नाम पर एक गलत माहौल बनाया जा रहा है, जिसमें मुस्लिम युवकों पर हिंदू लड़कियों को प्रेम में फंसाने का आरोप लगाया जाता है। उनके अनुसार, यह एक दुष्प्रचार है और मुस्लिम समुदाय में ऐसी कोई संगठित संस्था नहीं है जो इस तरह की योजना बनाती हो।
आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने प्रेम को एक स्वाभाविक और ऐतिहासिक प्रक्रिया बताया, जो बाबा आदम के जमाने से चला आ रहा है। यह तो ब्रिटिश काल से लेकर आज तक चली आ रही है और भविष्य में भी जारी रहेगी। इसे मजहब के चश्मे से देखना ठीक नहीं है। यह सरासर गलत है।
बरेलवी ने अरबी के एक कथन को आधार बनाते हुए कहा कि इंसान स्वाभाविक रूप से गलतियां करता है, खासकर युवावस्था में, और इन गलतियों को सुधारने के लिए युवाओं को समझाने और प्रेरित करने की आवश्यकता है, न कि उन्हें किसी धर्म या मजहब के लेबल से जोड़ने की।
दूसरी ओर उन्होंने कहा कि इस्लाम अपने अनुयायियों को इस बात की इजाजत नहीं देता कि भय, जुल्म, लालच के जरिए धर्म परिवर्तन कराया जाए। इन तमाम बातों की इस्लाम मनाही करता है। अगर आप पैगंबर मुहम्मद साहब की पूरी जीवनी पढ़ेंगे तो कहीं भी आपको यह नहीं मिलेगा कि उन्होंने लालच और भय के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन कराया हो। अगर कोई अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाता है तो इसकी इजाजत इस्लाम देता है। साथ ही हमारा कानून भी इस बात की इजाजत देता है। इस्लाम में साफ है कि लालच देकर किसी का धर्म नहीं बदलवाया जा सकता। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो वो मुजरिम है।
--आईएएनएस
डीकेएम/जीकेटी
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.