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सोनिया गांधी का सियासत से संन्यास का संकेत! बोलीं- भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी पारी अंतिम पड़ाव पर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के दूसरे दिन पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. सोनिया गांधी ने संवैधानिक संस्थाओं पर बीजेपी और RSS का कब्जा करने का आरोप लगाया.

Updated on: 25 Feb 2023, 03:14 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के दूसरे दिन पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. सोनिया गांधी ने संवैधानिक संस्थाओं पर बीजेपी और RSS का कब्जा करने का आरोप लगाया. साथ ही संवैधानिक मूल्यों को कुचलने की बात कहीं. सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया, जबकि बीजेपी ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया. इस दौरान सोनिया इशारों-इशारों में राजनीति से रिटायरमेंट का भी संकेत दिया. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी सियासी पारी भी खत्म हो सकती है. 

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सोनिया ने साझा किया अबतक का अनुभव

सोनिया गांधी ने पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनने से लेकर अब तक हुए सियासी उतार-चढ़ाव को लेकर अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि 1998 में जब वह पहली बार पार्टी अध्यक्ष बनी तब से लेकर आज तक बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिला. इसमें कुछ अच्छा और कुछ बुरा अनुभव भी शामिल है. 2004 -2009 में पार्टी का परफॉर्मेंस की बात हो या फिर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का उनका फैसला यह व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए सुखद और संतोषजनक रहा. इसमें पार्टी और कार्यकर्ताओं ने पूरा सहयोग दिया, इससे वह संतुष्ट हैं. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा के साथ उनकी पारी समाप्त हो सकती है. ये पार्टी के लिए एक अहम मोड़ है. 

भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने का ऐलान
रायपुर अधिवेशन में 2024 लोकसभा में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने का भी जिक्र किया गया. पार्टी नेताओं ने एक सुर में कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पूरे विपक्ष को एक मंच पर आना होगा। विपक्षी पार्टियों को थर्ड फ्रंट से बचना चाहिए. क्योंकि इससे भाजपा को नुकसान की जगह फायदा पहुंचेगा. 

कांग्रेस के संविधान में बदलाव

अधिवेशन में कांग्रेस के संविधान में बदलाव किया गया है. इनमें ये प्रमुख हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के लिए एआईसीसी में सभी पदों पर 50 फीसदी सीट आरक्षित होंगे. साथ ही 50 फीसदी पदों पर युवाओं को मौका देने का भी प्रस्ताव रखा गया. इसमें 50 साल से कम के लोगों की भागीदारी होगी.