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असम में उग्रवादियों ने ट्रकों में लगाई आग, 5 ड्राइवरों की जिंदा मौत

संदिग्ध उग्रवादियों ने सातों ट्रकों में पहले अंधाधुंध गोलियां बरसाई और बाद में जाकर इनमें आग लगा दी

Updated on: 27 Aug 2021, 12:40 PM

highlights

  • घटना में दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी के शामिल होने का संदेह
  • आग लगाने से पहले ट्रकों में अंधाधुंध गोलियां बरसाई
  • घटना की वजह का पता लगाने के लिए पुलिस छानबीन में जुटी

 

गुवाहटी :

असम के दीमा हसाओ से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. दिसमाओ गांव के पास उमरंगसो लंका रोड पर शुक्रवार सुबह एक साथ सात ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें पांच ट्रक ड्राइवरों की मौत हो गई. एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है और उसे अस्पताल ले जाया गया है. संदिग्ध उग्रवादियों ने सातों ट्रकों में पहले अंधाधुंध गोलियां बरसाई और बाद में जाकर इनमें आग लगा दी.  पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर सभी शवों को बरामद कर लिया है. घटना की वजह का पता लगाने के लिए पुलिस छानबीन में जुटी हुई है. पुलिस की मानें तो घटना के पीछे डीएनएलए उग्रवादी संगठन का हाथ हो सकता है. जिले के एसपी ने बताया कि असम राइफल्स के साथ मिलकर इलाके की तलाशी ली जा रही है.

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सूत्रों के मुताबिक हथियारबंद लोगों के एक समूह ने करीब साढ़े आठ बजे ट्रकों को रोका। सात में से छह ट्रक सीमेंट ले जा रहे थे जबकि दूसरा कोयला ले जा रहा था. दीमा हसाओ के पुलिस अधीक्षक जयंत सिंह ने कहा, समूह ने कई मिनट तक वाहनों पर गोलीबारी की और फिर उनमें आग लगा दी. इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया. ये सभी ट्रक के चालक और काम करने वाले हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक जले हुए ट्रक से कम से कम 5 शव बरामद किए जा चुके हैं. यह हमला तब हुआ जब ट्रक उमरांगसो से लंका जा रहे थे.


अब आग पर काबू पा लिया गया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। अधिकारियों को इस घटना में दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) के शामिल होने का संदेह है. इससे पहले मई में, कार्बी आंगलोंग जिले के धनसिरी इलाके में रविवार को पुलिस और असम राइफल्स के साथ मुठभेड़ में कम से कम छह डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) के चरमपंथी मारे गए थे। अप्रैल 2019 में, एक संप्रभु 'दिमासा राष्ट्र' के लिए लड़ने के लिए डीएनएलए का गठन किया गया था. डीएनएलए संगठन के सदस्यों को कथित तौर पर नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के इसाक-मुइवा गुट द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जो पिछले कई सालों से केंद्र सरकार के साथ बातचीत में लगा हुआ है.