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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जानकारी दी है कि इजरायल के साथ मुस्लिम देश कजाकिस्तान भी अब्राह्म समझौते में शामिल होने जा रहा है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अब्राहम समझौते में शामिल होने वाला कजाकिस्तान पहला देश है। आइए जानते हैं कि अब्राहम समझौता क्या है और इसकी कब शुरुआत हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर इसका ऐलान करते हुए लिखा, मैंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायेव के बीच एक शानदार बातचीत की। कजाकिस्तान मेरे दूसरे कार्यकाल का पहला देश है जो अब्राहम समझौते में शामिल हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि यह दुनियाभर में सेतु बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज, मेरे अब्राहम समझौते के माध्यम से और भी कई देश शांति और समृद्धि को अपनाने के लिए कतार में खड़े हैं। हम जल्द ही इसे आधिकारिक बनाने के लिए एक हस्ताक्षर समारोह की घोषणा करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जानकारी दी है कि वह कई अन्य देशों से इस शक्ति समूह में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिरता और विकास के लिए देशों को एकजुट करने में अभी बहुत कुछ बाकी है, वास्तविक प्रगति, वास्तविक परिणाम।
अब्राहम समझौते की शुरुआत ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में की थी। 2020 में अब्राहम समझौते की शुरुआत हुई थी, जिसके तहत इजरायल और अरब देशों के बीच आधिकारिक तौर पर संबंध की शुरुआत हुई थी। यहूदी, ईसाई और इस्लाम के पैगंबर के नाम पर ही इस समझौते का नाम अब्राहम रखा गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति की पहल पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इजरायल के साथ संबंध स्थापित किए। फिलिस्तीन को लेकर इजरायल और अन्य मुस्लिम देशों के बीच काफी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, इस समझौते के तहत अरब और मुस्लिम देशों ने इजरायल के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए।
यूएई के बाद मोरक्को, बहरीन और सूडान भी इसमें शामिल हुए। इस समझौते से जुड़े देशों ने इजरायल में अपनी एंबेसी खोलने पर सहमति जताई। इसके साथ ही व्यापार और पर्यटन की भी शुरुआत हुई, हालांकि गाजा में इजरायल के युद्ध का इस समझौते पर गहरा असर पड़ा।
बीते कुछ सालों से इस समझौते में कोई प्रगति देखने को नहीं मिली, हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में जानकारी दी है कि इस समझौते में अब अन्य कई मुस्लिम देश भी शामिल होंगे। इसका ऐलान आधिकारिक तौर पर किया जाएगा।
अगर कजाकिस्तान की बात करें तो इजरायल के साथ हमेशा से ही इसके अच्छे संबंध रहे हैं। कजाकिस्तान में 70 फीसदी आबादी मुस्लिमों की रही है, बावजूद इसके इजरायल के साथ इसके संबंध अच्छे रहे। वहीं अब्राहम में इसके शामिल होने से दोनों देशों के बीच की दोस्ती और मजबूत होगी।
--आईएएनएस
केके/वीसी
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