क्या बीमारियों को ठीक करने में धीमा असर करता है आयुर्वेद? जानें सच और मिथक

क्या बीमारियों को ठीक करने में धीमा असर करता है आयुर्वेद? जानें सच और मिथक

क्या बीमारियों को ठीक करने में धीमा असर करता है आयुर्वेद? जानें सच और मिथक

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IANS
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Ayurveda

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। शारीरिक हो या मानसिक समस्याएं, इनसे राहत पाने के लिए प्राचीन चिकित्सा पद्धति यानी आयुर्वेद कारगर है। आयुर्वेद के पास हर समस्या का समाधान है। हालांकि, इसे लेकर कई गलतफहमियां हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय आयुर्वेद के बारे में सही जानकारी देता है।

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क्या आप भी मानते हैं कि आयुर्वेद धीमे असर करता है या यह सिर्फ जड़ी-बूटियों तक सीमित है? आयुर्वेद से जुड़े कुछ आम मिथकों और उनके पीछे के सच को आयुष मंत्रालय स्पष्ट करता है। आयुर्वेद को सही तरीके से अपनाकर जीवन में संतुलन और दीर्घायु प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल शरीर, बल्कि मन और आत्मा के संतुलन पर भी आधारित है। यह बीमारियों का इलाज करने के साथ ही रोगों की रोकथाम और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि आयुर्वेद के बारे में कहा जाता है कि यह बहुत धीरे काम करता है। यह मिथक है। यह एक आम गलतफहमी है। आयुर्वेद सही निदान और योग्य चिकित्सक की देखरेख में प्रभावी ढंग से काम करता है और स्थायी लाभ देता है। आयुर्वेद बीमारी की जड़ को दूर करने पर फोकस करता है, इसलिए कभी-कभी समय लग सकता है।

दूसरा मिथक है कि आयुर्वेद सिर्फ जड़ी-बूटियों पर आधारित है। इस पर एक्सपर्ट बताते हैं कि आयुर्वेद केवल हर्बल दवाओं तक सीमित नहीं है। यह एक पूरा सिस्टम है, जिसमें उचित आहार-विहार, योग अभ्यास, दिनचर्या, मौसमी बदलावों के अनुसार जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन शामिल है। पंचकर्म जैसी थेरेपीज और ध्यान भी इसके महत्वपूर्ण हिस्से हैं।

आयुर्वेद सिर्फ पुरानी बीमारियों के लिए है, यह भी मिथक है। आयुर्वेद मुख्य रूप से रोगों की रोकथाम और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह रोगों, मौसमी बीमारियों और दैनिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे तनाव, अनिद्रा, पाचन विकारों में भी उपयोगी है। आयुर्वेद का जीवन के हर चरण में बचपन से वृद्धावस्था तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आयुर्वेद अपनाते हैं, तो यह न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि ऊर्जावान और संतुलित जीवन देता है। इसे जीवन का हिस्सा बनाकर प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ रहा जा सकता है।

--आईएएनएस

एमटी/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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