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कृषि वानिकी में कारोबार को आसान बनाने के लिए केंद्र लाएगा नया नियम, प्रारूप पर मांगे सुझाव
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कृषि भूमि पर पेड़ों की कटाई से संबंधित नए मॉडल नियम जारी किए हैं। इस पर फिलहाल सुझाव आमंत्रित किए गए हैं जिसके बाद नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके पीछे मंत्रालय का उद्देश्य नियामक ढांचे को सरल बनाने और कृषि वानिकी को बढ़ावा देने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करना है।
कृषि वानिकी के कई लाभ हैं। इसके माध्यम से ग्रामीण आजीविका को बढ़ाया जा सकता है, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। जैव विविधता संरक्षण, जल संरक्षण, वृक्षों का आवरण बढ़ाने के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है। इससे प्राकृतिक वनों पर दबाव कम होता है।
मंत्रालय द्वारा जारी आदर्श नियमों का उद्देश्य कृषि वानिकी भूमि के पंजीकरण और वृक्षों की कटाई और पारगमन के प्रबंधन के लिए सरलीकृत प्रक्रियाएं प्रदान करके एक सुव्यवस्थित विनियामक ढांचा स्थापित करना है। इस पहल से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने और किसानों और अन्य हितधारकों के लिए कृषि वानिकी प्रथाओं को अपनाने के अवसर खोलने की उम्मीद है।
मॉडल नियम वृक्ष-आधारित कृषि प्रणालियों में शामिल लोगों के लिए व्यवसाय आसान करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। कृषि वानिकी के माध्यम से घरेलू लकड़ी के उत्पादन को बढ़ावा देकर, मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने, स्थानीय रूप से प्राप्त कच्चे माल के साथ लकड़ी आधारित उद्योगों का समर्थन करने और निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है।
लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना एवं विनियमन) दिशा-निर्देश, 2016 के तहत स्थापित राज्य स्तरीय समिति भी इन आदर्श नियमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होगी। इसकी भूमिका राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कृषि वानिकी को बढ़ावा देने और पेड़ों की कटाई तथा लकड़ी के परिवहन से संबंधित नियमों को आसान बनाकर कृषि भूमि से लकड़ी उत्पादन बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन करना होगा, खासकर व्यावसायिक रूप से मूल्यवान प्रजातियों के लिए। समिति कृषि भूमि से पेड़ों की कटाई के लिए आवेदनों की पुष्टि करने के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करेगी।
मॉडल नियमों के मुताबिक, आवेदकों को अपने बागानों को राष्ट्रीय इमारती लकड़ी प्रबंधन प्रणाली (एनटीएमएस) पोर्टल पर पंजीकृत करना आवश्यक है। इसे विकसित किया जा रहा है। इसमें भूमि स्वामित्व की जानकारी, केएमएल फाइल के साथ खेत का स्थान, प्रजातियां, रोपण अवधि आदि सहित बुनियादी वृक्षारोपण डेटा प्रस्तुत करना शामिल है।
आवेदक समय-समय पर वृक्षारोपण की जानकारी को अपडेट कर सकते हैं और ट्रेसेब्लिटी सुनिश्चित करने के लिए वृक्षारोपण की जियोटैग की गई तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं। पंजीकृत बागानों से पेड़ों की कटाई करने के इच्छुक आवेदक राष्ट्रीय इमारती लकड़ी प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिसमें कटाई के लिए इच्छित पेड़ों का विशिष्ट विवरण प्रदान किया जाता है।
सत्यापन एजेंसियां साइट निरीक्षण करेंगी और उनकी सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर कृषि भूमि के लिए पेड़ों की कटाई के परमिट जारी किए जाएंगे। प्रभागीय वन अधिकारी समय-समय पर पर्यवेक्षण और निगरानी के माध्यम से इन एजेंसियों के प्रदर्शन की निगरानी करेंगे।
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मॉडल नियमों की जांच करने और उन्हें अपनाने पर विचार करने का अनुरोध किया है, ताकि कृषि वानिकी में कारोबार को आसान बनाया जा सके और किसानों को बिना किसी अनावश्यक प्रक्रियात्मक बाधाओं का सामना किए अपनी कृषि प्रणालियों में वृक्षों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
कृषि वानिकी एक स्थायी भूमि प्रबंधन दृष्टिकोण है जो पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज को लाभान्वित करता है। इसके तहत एक ही भूमि पर फसल उगाने, पशुधन और पेड़ उगाने का प्रबंधन किया जाता है, ताकि पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक लाभ मिल सके। उदाहरण के लिए एक खेत में पेड़ों की पंक्तियों के बीच फसलें उगाना,पशुधन को चराने के लिए चरागाहों में पेड़ों को शामिल करना, फलदार पेड़ों को खेतों के चारों ओर बाड़ के रूप में लगाना आदि।
--आईएएनएस
पीएके/एकेजे
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