कोलकाता : भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की मौत मामले में भाई ने ममता सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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कोलकाता : भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की मौत मामले में भाई ने ममता सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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IANS
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कोलकाता: भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार मौत मामले में तृणमूल के तीन नेता बरी, भाई ने लगाया गंभीर आरोप

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता, 22 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित कांकुरगाछी इलाके में भाजपा नेता अभिजीत सरकार की 2021 के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हत्या कर दी गई थी। उनके परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उन्हें बेरहमी से प्रताड़ित करके मार डाला गया। परिवार की शिकायत के आधार पर नारकेलडांगा पुलिस स्टेशन ने जांच शुरू की थी।

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पुलिस ने 15 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली। उस समय सीबीआई ने एक अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें कुल 20 आरोपियों के नाम थे।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इसी महीने एक दूसरा अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें कुल 18 लोगों के नाम थे। इस सूची में विधायक परेश पाल और दो पार्षद के नाम शामिल थे। जिसके बाद उन्होंने तुरंत कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

विधायक परेश पाल, पार्षद स्वप्न समाद्दार और पापिया घोष को कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई में राहत मिली।

भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में विधायक परेश पाल और दो पार्षदों स्वप्न समद्दार और पापिया घोष को बरी कर दिया गया है। अब 1 अगस्त को अगले आदेश तक निचली अदालत में कोई सुनवाई नहीं होगी।

भाजपा कार्यकर्ता हत्या मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक परेश पाल और दो पार्षदों का नाम अतिरिक्त आरोप पत्र में शामिल है। इसी के मद्देनजर इन नेताओं ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने इसी मामले में यह आदेश दिया है।

वहीं, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुलिस इंस्पेक्टर रत्ना सरकार और होमगार्ड दीपांकर देबनाथ की गिरफ्तारी के संबंध में सीबीआई से रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई को अगले शुक्रवार तक अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

अभिजीत सरकार के भाई बिस्वजीत सरकार ने कहा कि देखिए मैं पहले दिन से ही कह रहा हूं कि पुलिस, विधायक और पार्षद इसमें शामिल हैं और ममता बनर्जी इस घटना को हवा दे रही हैं। इन सभी ने पूरे बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की। ये सभी इस घटना में शामिल हैं। अब तक जिन तीन पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें अभी तक निलंबित नहीं किया गया है, तब से काफी समय हो गया है, पुलिस का नियम है कि उन्हें 48 घंटों के भीतर निलंबित किया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक उन्हें निलंबित नहीं किया गया है। पूछने पर भी पुलिस कुछ नहीं बताती। पुलिस किसी भी नियम का पालन क्यों नहीं कर रही है?

--आईएएनएस

एकेएस/एबीएम

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