खैबर पख्तूनख्वा में नरसंहार: पाकिस्तान एयरफोर्स की हवाई कार्रवाई में 30 नागरिकों की मौत

खैबर पख्तूनख्वा में नरसंहार: पाकिस्तान एयरफोर्स की हवाई कार्रवाई में 30 नागरिकों की मौत

खैबर पख्तूनख्वा में नरसंहार: पाकिस्तान एयरफोर्स की हवाई कार्रवाई में 30 नागरिकों की मौत

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IANS
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खैबर पख्तूनख्वा में नरसंहार: पाकिस्तान एयरफोर्स की हवाई कार्रवाई में 30 नागरिकों की मौत

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने अपने ही एक इलाके खैबर पख्तूनख्वा में बर्बर नरसंहार किया है। 21 व 22 सितंबर की दरमियानी रात को यह खबर सामने आई कि पाकिस्तान वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा के तिराह घाटी क्षेत्र स्थित मत्रे दारा गाँव, आका खेल शाल्दा पर हवाई हमला किया है।

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खुफिया सूत्रों ने पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा किए गए इन हमलों की पुष्टि की है। इस हमले में भारी तबाही हुई और करीब 30 नागरिकों की मौत हो गई। पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल बताए जा रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रात करीब 2 बजे के आस-पास पाकिस्तान वायुसेना के जेएफ-17 लड़ाकू विमानों ने गांव पर कम से कम आठ एलएस-6 बम गिराए।

चश्मदीदों ने बताया है कि पाकिस्तानी वायुसेना के इस हमले में पूरा गांव तबाह हो गया है। यहां कई घरों के मलबे में अभी भी शव बिखरे पड़े हैं। गांव की गलियां और मकान खून और मलबे से पटे हुए हैं, जिससे यहां लोगों के बीच स्थिति बेहद भयावह हो गई है। अब तक इस हमले को लेकर पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। आधिकारिक तौर पर अभी तक यह भी नहीं बताया गया है कि हमले के वास्तविक लक्ष्य क्या थे। वहीं, यह जानकारी भी सामने नहीं आई है कि गांव में किसी तरह की आतंकी गतिविधियां या फिर आतंकियों की मौजूदगी थी।

हालांकि, आईएसपीआर समर्थक हैंडल्स ने इसे स्थानीय लोगों द्वारा रखे गए आईईडी के विस्फोट का नतीजा करार देने की कोशिश की है। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह चुप्पी पाकिस्तान की सेना की अपनी ही जनता के खिलाफ कार्रवाई की पुरानी प्रवृत्ति के अनुरूप है। इससे पहले भी खैबर पख्तूनख्वा और पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में नागरिकों पर इसी तरह की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई देखने को मिली है। इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने गहरी चिंता व्यक्त की है और मामले की निष्पक्ष व विस्तृत जांच की मांग की है।

मानवाधिकार संगठनों ने जोर देकर कहा है कि युद्ध कानूनों का पालन, नागरिकों की सुरक्षा और दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है। वहीं यह हमला न सिर्फ पाकिस्तानी सेना की आंतरिक नीतियों और रवैये पर गंभीर सवाल उठाता है, बल्कि नागरिक अधिकारों और मानवता के लिए भी गहरी चिंता का विषय बन गया है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने रणनीतिक रूप से अपने ठिकाने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शिफ्ट करने शुरू कर दिए हैं। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कम-से-कम नौ बड़े आतंकी अड्डों को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद अब आतंकी संगठन अपने ठिकाने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से शिफ्ट कर रहे हैं।

इंटेलिजेंस से जुड़े सुरक्षा सूत्र और कुछ उपलब्ध वीडियो से यह पुष्टि हुई है कि आतंकी गुट अब पीओके को असुरक्षित मान रहे हैं। यही कारण है कि वे खैबर पख्तूनख्वा को नया अड्डा बना रहे हैं। इसका कारण यहां की भौगोलिक स्थिति है। यह क्षेत्र अफगान सीमा के नजदीक है और यहां पहले से कई जिहादी पनाहगाहें मौजूद हैं। माना जा रहा है कि यह पूरी प्रक्रिया पाकिस्तान की राज्य संरचनाओं की प्रत्यक्ष मदद से हो रही है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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