नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। यमन में भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया की फांसी टल गई है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब निमिषा की फांसी बुधवार यानी 16 जुलाई को तय थी। मंगलवार को सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल के वकील सुभाष चंद्रन ने निमिषा की फांसी के टलने की जानकारी दी।
केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक हत्याकांड में मौत की सजा सुनाई गई थी। वकील सुभाष चंद्रन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, निमिषा की फांसी को फिलहाल टाला गया है। कोई नई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि निमिषा प्रिया को अभी बचाया जा सकता है।
सुभाष चंद्रन ने बताया, अधिकारियों की मौजूदगी में मृतक व्यक्ति के परिवार के साथ लगातार बात हो रही है। फांसी टलने के बाद अब उस परिवार को राजी करने के लिए और समय मिलेगा।
वकील सुभाष चंद्रन के मुताबिक, निमिषा प्रिया के मामले में भारत सरकार ने भी सहयोग किया है। अटॉर्नी जनरल ने बताया है कि वे अपने चैनल्स के जरिए यमन के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।
सुभाष चंद्रन ने बताया कि निमिषा प्रिया के मामले में कुछ अन्य संगठनों का भी सहयोग है। केरल के एक मरकज प्रमुख ने अपने स्तर पर यमन के लोगों से बातचीत की है, जो वहां निमिषा प्रिया के मामले में मृतक व्यक्ति के परिवार को राजी करने में मदद कर रहे हैं।
नर्स निमिषा प्रिया 2008 से यमन में रह रही थीं। उन्होंने एक क्लीनिक शुरू किया था, लेकिन स्थानीय कानून का पालन करने के लिए यमन के नागरिक तलाल अब्दुल मेहदी को साझेदार बनाना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तलाल अब्दुल मेहदी ने बाद में निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया था। वह उनका पैसा हड़पने लगा और कथित तौर पर पासपोर्ट भी छीन लिया था।
साल 2017 में पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश में निमिषा ने तलाल अब्दुल मेहदी को बेहोश करने के लिए एक इंजेक्शन दिया, लेकिन इससे मेहदी की मौत हो गई थी। इसी मामले में निमिषा प्रिया को फांसी की सजा हुई है।
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