नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश मंत्रालय और विदेशों में ऑल पार्टी डेलिगेशन भेजे जाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने गुरुवार को इस पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने के बाद ऐसा करना चाहिए था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा, हमने कोई गलत बात नहीं कही है। सिर्फ इतना कहा कि यह तर्कसंगत नहीं लगता है कि एक तरफ भारत सरकार ऑल पार्टी डेलिगेशन लेकर अपनी छवि को सुधारने और दुनिया को यह बताने के लिए कि हमारा जो ऑपरेशन सिंदूर था वह कहां तक सही था। इसे भेजने से पहले कम से कम सरकार को यह चाहिए था कि सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाते और उसमें तमाम बातों का विस्तार से जिक्र करना चाहिए था। देश और सदन को सभी चीजों से अवगत कराना चाहिए था और उसके बाद डेलिगेशन भेजना चाहिए था।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की तरफ से पीएम मोदी की तारीफ किए जाने पर अनवर ने कहा, सेना ने जो बहादुरी दिखाई है, उसकी तारीफ हम सभी लोग कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि अगर सरकार से कोई सवाल किया जाता है और कोई जानकारी प्राप्त की जाती है, तो सरकार को लगता है कि विपक्ष देशद्रोही है। हमें पाकिस्तानी एजेंट कहा जाता है और दूसरी ओर डेलिगेशन में भी ले जाया जा रहा है।
कांग्रेस सांसदों को ऑल पार्टी डेलिगेशन में भेजे जाने के सवाल पर तारिक अनवर ने कहा, मुझे लगता है कि इस पर विचार करना चाहिए था। अब तो डेलिगेशन का आधा हिस्सा जा चुका है, समय नहीं है, लेकिन पहले इस पर जरूर विचार करना चाहिए था। जब तक सत्ताधारी दल का विपक्ष के प्रति रवैया नहीं बदलता है, तब तक हमें इस पर विचार करना चाहिए था।
छत्तीसगढ़ में एक करोड़ के इनामी समेत 27 नक्सलियों के ढेर होने और सीपीएम के उनके साथ खड़े होने वाले बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा, हर पार्टी और संगठन की अपनी-अपनी विचारधारा है। वो जो भी कह रहे हैं, उस विचारधारा के अंतर्गत कह रहे हैं।
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