गुरुग्राम, 11 जून (आईएएनएस)। हाल ही में संपन्न कोच प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के बाद, भारतीय खो-खो महासंघ (के.के.एफ.आई.) अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आई.के.के.एफ.) के तत्वावधान में तकनीकी अधिकारियों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह गहन रिफ्रेशर प्रोग्राम 12 जून (गुरुवार) से शुरू होगा और 15 जून (रविवार) तक श्री गुरु गोबिंद सिंह त्रिशताब्दी विश्वविद्यालय (एस.जी.टी. विश्वविद्यालय), बुढेड़ा में चलेगा।
भारत के 30 से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 100 से अधिक तकनीकी अधिकारी और ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, मलेशिया और श्रीलंका सहित 15 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों ने इस कोर्स के लिए पंजीकरण कराया है। एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में, के.के.एफ.आई. ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय महासंघों को ऑनलाइन भागीदारी का विकल्प भी दिया है, जिससे भौगोलिक सीमाओं से परे ज्ञान साझा करना और वैश्विक सहभागिता संभव हो पाई है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान और संरचित प्रस्तुतियां शामिल हैं, जो आधुनिक समय की तकनीकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों को कवर करेंगी:
· अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आई.के.के.एफ.) के नियम और विनियम
· खो-खो की पारिभाषिक शब्दावली
· खो-खो में उपयोग किए जाने वाले संकेत
· ऑफिसिएटिंग की प्रक्रिया
· प्रतियोगिताओं के दौरान निर्णायक मंडल की भूमिका और कार्यप्रणाली
· स्कोरशीट भरने की विधि
· तकनीकी अधिकारियों के लिए व्यक्तित्व विकास
यह कोर्स तकनीकी सटीकता के साथ-साथ समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिससे अधिकारियों को उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं का संचालन पेशेवर रूप से करने के लिए आवश्यक कौशल, आत्मविश्वास और वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान किया जा सके।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, हम खो-खो में श्रेष्ठतम प्रथाओं को लागू कर खेल के समग्र स्तर को ऊंचा उठा रहे हैं। यह रिफ्रेशर कोर्स तकनीकी अधिकारियों को नवीनतम जानकारी और अद्यतन कौशल प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है, ताकि वे समकालीन विकास और पेशेवर मानकों के अनुरूप कार्य कर सकें।
तकनीकी अधिकारियों का यह पाठ्यक्रम 2 जून से 11 जून तक आयोजित सफल उन्नत स्तर III-ए कोच प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद हो रहा है, जिसमें लगभग 20 अंतरराष्ट्रीय कोचों और 100 से अधिक भारतीय कोचों ने सक्रिय भागीदारी की थी।
पिछले कुछ वर्षों में, खो-खो एक पारंपरिक भारतीय खेल से एक गतिशील और पेशेवर रूप से संगठित खेल के रूप में विकसित हुआ है। इस प्रकार की पहलों के माध्यम से, भारतीय खो-खो महासंघ न केवल भारत को खो-खो के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान साझाकरण को भी बढ़ावा दे रहा है।
--आईएएनएस
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