कर्नाटक में बदले की राजनीति, भ्रष्टाचार को उजागर करता रहूंगा : तेजस्वी सूर्या

कर्नाटक में बदले की राजनीति, भ्रष्टाचार को उजागर करता रहूंगा : तेजस्वी सूर्या

कर्नाटक में बदले की राजनीति, भ्रष्टाचार को उजागर करता रहूंगा : तेजस्वी सूर्या

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IANS
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कर्नाटक में बदले की राजनीति लेकिन भ्रष्टाचार को करता रहूंगा उजागर: तेजस्वी सूर्या

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद तेजस्वी सूर्या ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर बदले की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया है।

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उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है, वह बदले की राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है। हम नियमित रूप से राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं और टनल रोड परियोजना जैसे कथित घोटालों का विरोध करते हैं, इसलिए सरकार उनके खिलाफ पुलिस और न्यायपालिका का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, मैं कर्नाटक सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करता रहूंगा और जनता के हितों की रक्षा के लिए लड़ता रहूंगा।

तेजस्वी सूर्या ने संसद में विपक्ष के रवैये पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अपेक्षा है कि राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर सभी दल अपने राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर देशहित में काम करें। उन्होंने विपक्ष पर संसद के मानसून सत्र के पहले दिन से ही व्यवधान डालने का आरोप लगाया।

तेजस्वी सूर्या ने कहा, विपक्ष को अगर कोई मुद्दा उठाना है, तो उसे संसद के निर्धारित नियमों के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव लाना चाहिए। प्रस्ताव स्वीकार होने पर चर्चा होगी, जिसमें वे अपनी बात रख सकते हैं। लेकिन नियमों का पालन किए बिना व्यवधान डालना उचित नहीं है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि उन्हें संसद में बोलने का अवसर नहीं दिया जाता, जिस पर तेजस्वी सूर्या ने कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा, राहुल गांधी को लगता है कि संसद उनकी निजी जागीर है, जहां वे जब चाहें, जो चाहें, बोल सकते हैं। संसद के नियम और प्रक्रियाएं सभी के लिए बराबर हैं। अगर वे कोई मुद्दा उठाना चाहते हैं, तो स्थगन प्रस्ताव लाएं और नियमों के तहत अपनी बात रखें।

तेजस्वी सूर्या ने विपक्ष के रवैये को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि संसद को बाधित करने से देश का अहित होता है। संसद लोकतंत्र का मंदिर है, जहां देश के लिए रचनात्मक चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे संसदीय मर्यादाओं का पालन करें और राष्ट्रीय हित में अपनी भूमिका निभाएं।

--आईएएनएस

एकेएस/एबीएम

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