करिश्मा कपूर की 'ऑनस्क्रीन बेटी' ने फिल्मों के लिए छोड़ी आईआईटी, फ्लॉप हुईं तो गूगल में कमाया नाम

करिश्मा कपूर की 'ऑनस्क्रीन बेटी' ने फिल्मों के लिए छोड़ी आईआईटी, फ्लॉप हुईं तो गूगल में कमाया नाम

करिश्मा कपूर की 'ऑनस्क्रीन बेटी' ने फिल्मों के लिए छोड़ी आईआईटी, फ्लॉप हुईं तो गूगल में कमाया नाम

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 14 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड में कई ऐसे कलाकार होते हैं जो अपनी शुरुआत में तो खूब चमकते हैं, लेकिन बाद में किसी वजह से इंडस्ट्री से दूर हो जाते हैं। ऐसे ही एक नाम हैं मयूरी कांगो, जो कभी बॉलीवुड की पॉपुलर अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं। मयूरी को ज्यादातर लोग करिश्मा कपूर की ऑनस्क्रीन बेटी के रूप में याद करते हैं। उन्होंने 2003 में टीवी शो करिश्मा- द मिरेकल्स ऑफ डेस्टिनी में करिश्मा कपूर की बेटी मानसी की भूमिका निभाई थी, जो उस समय छोटे पर्दे पर खूब चर्चा में रही थीं।

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लेकिन स्कूल क्लास की छात्रा से लेकर करिश्मा कपूर की ऑनस्क्रीन बेटी तक का सफर मयूरी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। उनके बारे में भले ही आज की नई पीढ़ी को ज्यादा न पता हो, लेकिन 90 के दशक में उन्होंने बॉलीवुड और टीवी दोनों ही प्लेटफॉर्म पर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। 15 अगस्त 1982 को जन्मी मयूरी पढ़ाई में काफी होशियार थीं। उनके अभिनय का सफर महज एक संयोग से शुरू हुआ, जिसने बाद में उनकी जिंदगी पलट दी। उनका फिल्मी करियर 1995 में फिल्म नसीम से शुरू हुआ, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस की पृष्ठभूमि पर आधारित एक संवेदनशील फिल्म थी। इस फिल्म में उन्होंने एक 16 वर्षीय मुस्लिम लड़की नसीम की भूमिका निभाई थी। दिलचस्प बात यह है कि जब उन्हें यह फिल्म ऑफर हुई, तब वह अपनी 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही थीं।

उन्होंने पहले तो इस फिल्म के लिए मना कर दिया, लेकिन बाद में जब निर्देशक सईद अख्तर मिर्जा ने उन्हें समझाया तो वह फिल्म करने के लिए राजी हो गई। मयूरी का अभिनय इतना दमदार था कि महेश भट्ट ने उन्हें अपनी अगली फिल्म पापा कहते हैं में कास्ट किया, जो 1996 की शानदार फिल्मों में से एक थी। इस फिल्म के गाने घर से निकलते ही... ने उनकी मासूमियत को घर-घर में पहचान दिला दी। वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही थीं। इस बीच मयूरी का आईआईटी में सलेक्शन हुआ, लेकिन उन्होंने फिल्मों को पहले प्राथमिकता दी और बॉलीवुड के लिए पढ़ाई छोड़ दी।

उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें बेताबी (1997), होगी प्यार की जीत (1999), बादल (2000), पापा द ग्रेट, जंग, शिकारी, और जीतेंगे हम (2001) जैसी फिल्में शामिल हैं। उन्होंने तेलुगु इंडस्ट्री में फिल्म वामसी (2000) के जरिए कदम रखा।

मयूरी ने अपने करियर में लगभग 16 फिल्मों में काम किया, जिनमें से कुछ रिलीज नहीं हो सकीं, जिसके चलते निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में लेने से पीछे हटने लगे। ऐसे में उन्होंने टीवी की ओर रुख किया। उन्होंने डॉलर बहू (2001), थोड़ा गम थोड़ी खुशी, किटी पार्टी, करिश्मा: द मिरेकल्स ऑफ डेस्टिनी (2003), और कहीं किसी रोज जैसे धारावाहिकों में काम किया। इस दौरान करिश्मा कपूर की बेटी मानसी के किरदार ने उन्हें टीवी दर्शकों के बीच भी लोकप्रिय बना दिया।

लेकिन अभिनय की दुनिया में सीमित अवसरों ने मयूरी को काफी निराश किया, और 2003 में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। उन्होंने एक एनआरआई बैंकर आदित्य ढिल्लन से शादी की और अमेरिका शिफ्ट हो गईं। वहां उन्होंने एमबीए किया।

कॉर्पोरेट करियर में कदम रखते हुए मयूरी ने 2004 से 2012 तक अमेरिका में जॉब की। इस दौरान 2011 में उन्होंने बेटे कियान को जन्म दिया और फिर 2013 में भारत लौटने के बाद वह एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में काम करने लगीं। उनका टैलेंट और बिजनेस में समझ देखते हुए 2019 में उन्हें गूगल इंडिया का हेड बनाया गया। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे बहुत कम लोग फिल्मों से कॉर्पोरेट तक के सफर में हासिल कर पाते हैं।

एक इंटरव्यू में मयूरी ने माना कि करियर में बदलाव का फैसला कठिन था, लेकिन जरूरी भी था।

--आईएएनएस

पीके/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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