जींद, 28 जून (आईएएनएस)। हरियाणा के जींद जिले के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की सतर्कता और तेज कार्यशैली ने एक गर्भवती महिला और गर्भस्थ बच्चे की जान बचा ली। डॉक्टरों ने जटिल परिस्थितियों के बावजूद सिर्फ दो मिनट के भीतर सुरक्षित डिलीवरी कर इतिहास रचा। परिवार ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने मुसीबत के समय जच्चा और बच्चा दोनों को बचाने का काम किया है।
एक 26 वर्षीय महिला प्रसव पीड़ा के चलते सिविल अस्पताल पहुंची। चेकअप के दौरान पता चला कि गर्भनाल पहले ही बाहर आ चुका है। यह एक ऐसी गंभीर स्थिति होती है, जिसमें बच्चे और मां दोनों की जान को खतरा हो सकता है।
गायनेकोलॉजिस्ट राशी ग्यानी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बिना देर किए महिला को खुद स्ट्रेचर पर ऑपरेशन थिएटर तक पहुंचाया। डॉक्टरों की टीम ने महज दो-तीन मिनट में नवजात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसके बाद 20-25 मिनट के भीतर सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर मां को भी सुरक्षित कर लिया गया।
डॉक्टर राशी ने कहा, जब महिला रुटीन चेकअप के लिए रूम में आई थीं, तभी स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हो गया। हमने देखा कि गर्भनाल बाहर आ चुका है। देर करने का सवाल ही नहीं था। हमने महिला को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट किया। हमारी टीम ने सिर्फ दो-तीन मिनट के अंदर सुरक्षित प्रसव कराया और फिर 20-25 मिनट में ऑपरेशन कर मां को भी सुरक्षित कर लिया।
ऑपरेशन स्पेशलिस्ट मृत्युंजय ने बताया कि यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति थी। उन्होंने कहा, गर्भनाल पहले से बाहर दिखाई दे रहा था, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा था। लेकिन हमारी टीम ने तत्परता और समर्पण के साथ कार्य किया, जिसके बाद मां-बच्चे दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया।
इस असाधारण काम के लिए जींद के सिविल अस्पताल की टीम की पूरे इलाके में सराहना हो रही है। अस्पताल प्रशासन ने भी इसे एक मिसाल बताया है। यह उस महिला का दूसरा बच्चा है। इससे पहले एक लड़का है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन का आभार जताया।
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