झूठे ईशनिंदा के आरोप में 13 साल की गलत कैद के बाद पाकिस्तान में ईसाई नेता की मौत

झूठे ईशनिंदा के आरोप में 13 साल की गलत कैद के बाद पाकिस्तान में ईसाई नेता की मौत

झूठे ईशनिंदा के आरोप में 13 साल की गलत कैद के बाद पाकिस्तान में ईसाई नेता की मौत

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IANS
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Pakistan: Christian youth dies from abandonment, institutional cruelty (File image)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक प्रमुख अल्पसंख्यक अधिकार समूह ने मंगलवार को पाकिस्तान में एक ईसाई आध्यात्मिक नेता की दुखद मौत पर प्रकाश डाला, जिन्होंने एक ऐसे अपराध के लिए 13 दर्दनाक साल जेल में बिताए जो उन्होंने किया ही नहीं था, और फिर उन्हें झूठे ईशनिंदा के आरोपों से बरी कर दिया गया, जिसने उनकी स्वतंत्रता, स्वास्थ्य और शांति छीन ली थी।

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वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी (वीओपीएम) के अनुसार, पादरी जफर भट्टी की मृत्यु कोई अकेली त्रासदी नहीं है, यह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के संस्थागत उत्पीड़न का आईना है।

भट्टी का 5 अक्टूबर को, रिहाई के दो दिन बाद ही, हृदय गति रुकने से निधन हो गया। पाकिस्तान की भयावह जेल व्यवस्था में वर्षों की यातना, अपमान और उपेक्षा ने उनके स्वास्थ्य को तहस-नहस कर दिया था।

अधिकार संस्था ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे उनकी पत्नी नवाब बीबी का दुःख ऐसी त्रासदियों के आदी राष्ट्र की खामोशी को चीरता हुआ दिखाई दिया। इस बात पर जोर देते हुए कि उनकी आवाज न केवल एक शोकाकुल पत्नी की, बल्कि पाकिस्तान के हर उस ईसाई, अहमदिया, हिंदू या शिया की आवाज है जो आरोप, हिंसा या कारावास के निरंतर भय में रहता है।

वीओपीएम ने कहा, पादरी जफर की पीड़ा सबूतों से नहीं, बल्कि नफरत से उपजे आरोपों से शुरू हुई। पाकिस्तान के अनगिनत ईसाइयों और अल्पसंख्यकों की तरह, वह देश के दुरुपयोग किए गए ईशनिंदा कानूनों का निशाना बन गए- ऐसे कानून जिन्होंने आस्था को हथियार और न्याय को तमाशा बना दिया है।

इसमें आगे कहा गया है, 13 साल तक उन्हें गंदी जेल की कोठरियों में बंद रखा गया, उचित स्वास्थ्य सेवा से वंचित रखा गया और एक ऐसे अपराध के लिए अपराधी करार दिया गया जो कभी हुआ ही नहीं। उनकी अपीलों में देरी हुई, सुनवाई स्थगित की गई और राज्य की अनदेखी के कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता गया।

--आईएएनएस

एमएस/डीकेपी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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