जमशेदपुर, 15 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता शक्ति यादव ने बिहार की राजनीति और कानून व्यवस्था को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में निर्दलीय विधायक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के कांग्रेस की बैठकों में शामिल होने और तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
राजद नेता शक्ति यादव ने पप्पू यादव पर तंज कसते हुए कहा, तेजस्वी यादव गठबंधन के निर्विवाद नेता हैं और 2020 से बिहार की जनता का विश्वास उनके साथ है। पप्पू यादव, जो किसी पार्टी से नहीं जुड़े हैं, तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाकर क्या हासिल करना चाहते हैं? जो खुद चिढ़ा हुआ है, उसे कोई और क्या चिढ़ाएगा? पप्पू यादव रोज कुछ न कुछ बोलकर सुर्खियां बटोरने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस पार्टी को अपने कार्यक्रमों में यह तय करने का अधिकार है कि किसे बुलाना है और किसे नहीं।
उन्होंने कहा, कोई भी व्यक्ति बिना कारण के कांग्रेस की बैठकों में शामिल होकर आसमान छूने की कोशिश करता है, तो यह उसका भ्रम है। वहीं तेजस्वी जी गठबंधन के कमेटी के चेयरमैन हैं। बिहार की जनता ने उन्हें 2020 में स्वीकार किया था और आज भी वही नेतृत्व का चेहरा हैं। कोई कितना भी बोले, सच्चाई नहीं बदलती।
शक्ति यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर भी नीतीश कुमार सरकार पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे खुद को विजयी और सम्राट समझने लगे हैं। दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं, अपराधी बेखौफ हैं और नीतीश सरकार पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। बिहार अब अपराध की राजधानी बन गया है।
राजद नेता ने नीतीश कुमार को थका हुआ बताया। उन्होंने दावा किया, पुलिस और प्रशासन अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के इशारे पर अपराधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जब साधु को गुंडा बनाया जाए और अपराधी को संरक्षण मिले, तो कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी?
उन्होंने नीतीश कुमार से बिहार की जनता से माफी मांगने और सत्ता छोड़ने की मांग की और कहा, नीतीश जी, आपका नाटक और अभिनय अब बिहार में काम नहीं करेगा। बिहार को बर्बादी से बचाने के लिए सत्ता छोड़ दीजिए।
शक्ति यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने बिहार को अपराध की राजधानी कहा था। उन्होंने कहा कि बिहार में कोई भी इलाका ऐसा नहीं बचा जहां कानून व्यवस्था सही हालत में हो। सत्ता प्रतिष्ठान पूरी तरह अचेत है। पुलिस और प्रशासन अपराधियों को पकड़ने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची सत्यापन पर भी सवाल उठाए और कहा कि मृत मतदाताओं के नाम हटाना समझ में आता है, लेकिन दस्तावेजों की कमी के कारण जीवित मतदाताओं के नाम काटना लोकतंत्र की डकैती है। इसके अलावा, उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि 35 लाख मतदाताओं के नाम काटने की प्रक्रिया बिहार की जनता के मताधिकार को छीनने की साजिश है।
--आईएएनएस
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