गिरिडीह, 16 जून (आईएएनएस)। झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत डुमरी प्रखंड के बीडीओ और मुखिया (ग्राम प्रधान) के पति सहित चार लोगों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कार्यालय परिसर में जहर खाने वाले पंचायत सेवक सुखलाल महतो की मौत पर बवाल मच गया है।
मृतक के शव के साथ रविवार रात से लेकर सोमवार दोपहर 12.30 बजे तक सैकड़ों लोग प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना देते रहे।
माहौल तब और गर्म हो उठा, जब डुमरी के विधायक जयराम कुमार महतो भी मृतक सुखलाल महतो के परिजनों के लिए न्याय की मांग करते हुए सोमवार सुबह धरने पर बैठ गए। बाद में उपायुक्त के प्रतिनिधि के तौर पर एसडीएम संतोष गुप्ता ने विधायक और मृतक सुखलाल महतो के परिजनों के साथ वार्ता की।
आंदोलन कर रहे लोगों की मांगों पर प्रशासन की ओर से सहमति जताए जाने के बाद परिजन शव उठाने और धरना समाप्त करने पर राजी हुए। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि सुखलाल महतो ने बीडीओ अन्वेषा ओना सहित जिन चार लोगों के खिलाफ लिखित तौर पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मृतक सुखलाल महतो के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने पर भी वार्ता में सहमति बनी है।
सुखलाल महतो डुमरी प्रखंड के बलथरिया ग्राम के पंचायत सेवक के रूप में कार्यरत थे। वह इसी प्रखंड के कुलगो गांव के रहने वाले थे। उन्होंने डुमरी की बीडीओ अन्वेषा ओना, बलथरिया पंचायत की मुखिया के पति परमेश्वर नायक और रोजगार सेवक अनिल कुमार पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए क्षेत्र के विधायक के नाम एक पत्र लिखा था।
इसके बाद उन्होंने 13 जून को कार्यालय परिसर में ही कीटनाशक खा लिया था। रांची स्थित रिम्स में इलाज के दौरान 15 जून को उनकी मौत के बाद लोग उनका शव लेकर सीधे प्रखंड कार्यालय पहुंचे और देर रात से धरने पर बैठ गए।
घटना की जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर गिरिडीह के उपायुक्त रामनिवास यादव ने 14 जून को ही इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की थी, जिसमें अपर समाहर्ता विजय सिंह बिरुआ, सरिया बगोदर के एसडीएम संतोष कुमार गुप्ता, मुख्यालय डीएसपी नीरज कुमार सिंह एवं डॉ. रवि महर्षि शामिल हैं।
--आईएएनएस
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