रांची, 16 जून (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में सूचना आयोग, लोकायुक्त, महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग सहित अन्य संवैधानिक संस्थाओं में रिक्त शीर्ष पदों पर अगस्त तक नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने अधिवक्ता राजकुमार और एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित और अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि राज्य की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं होने से संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया बाधित हो रही थी। कई संवैधानिक संस्थाओं के प्रमुख की नियुक्ति के लिए चयन समिति में नेता प्रतिपक्ष का रहना अनिवार्य होता है। अब नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हो गया है, तो कई पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जल्द ही सभी संवैधानिक पदों पर नियुक्ति कर ली जाएगी। इसके लिए उन्होंने कोर्ट से समय देने का आग्रह किया।
इस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई अगस्त में निर्धारित करते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति कर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अभय मिश्रा ने अदालत को बताया कि सरकार की ओर से बार-बार एक ही बात लंबे समय से कही जा रही है कि नियुक्ति प्रक्रिया जारी है, जल्द नियुक्ति की जाएगी। अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। राज्य में सभी संवैधानिक पद रिक्त हैं। लोकायुक्त, महिला आयोग के अध्यक्ष और कई अन्य पद रिक्त हैं, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है। पदों के रिक्त होने की वजह से हजारों आवेदन लंबित हैं।
उल्लेखनीय है कि सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर पहली जनहित याचिका वर्ष 2020 में ही दाखिल की गई थी। तब से लेकर अब तक कई बार सुनवाई हो चुकी है। पिछली सुनवाइयों के दौरान हाईकोर्ट ने इसे लेकर सरकार पर तल्ख टिप्पणियां की थीं। पिछले वर्ष जुलाई में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा था कि अगस्त, 2024 तक रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर ली जाएंगी।
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