झारखंड में डीएमएफटी फंड में करोड़ों का घोटाला, सीएम सोरेन सीधे तौर पर जिम्मेदार : बाबूलाल मरांडी

झारखंड में डीएमएफटी फंड में करोड़ों का घोटाला, सीएम सोरेन सीधे तौर पर जिम्मेदार : बाबूलाल मरांडी

झारखंड में डीएमएफटी फंड में करोड़ों का घोटाला, सीएम सोरेन सीधे तौर पर जिम्मेदार : बाबूलाल मरांडी

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IANS
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झारखंड में डीएमएफटी फंड में करोड़ों का घोटाला, सीएम सोरेन सीधे तौर पर जिम्मेदार : बाबूलाल मरांडी

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

रांची, 8 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) फंड में बड़े पैमाने पर घोटाले के गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योजनाओं का ब्योरा देते हुए दावा किया कि इसमें करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है और इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिम्मेदार हैं।

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बाबूलाल मरांडी ने कहा, मुख्यमंत्री ने डीएमएफटी फंड को अपना निजी एटीएम समझ लिया है। अधिकारी उनके इशारे पर पैसे निकाल रहे हैं। अगर मुख्यमंत्री की संलिप्तता नहीं है, तो वे इसकी जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें।

उन्होंने कहा कि फिलहाल वे बोकारो जिले में हुए घोटाले का खुलासा कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की लूट पूरे प्रदेश में हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खनिज क्षेत्रों के विकास के लिए डीएमएफटी फंड की व्यवस्था की थी ताकि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित हो सकें। लेकिन, झारखंड में इसका दुरुपयोग योजनाओं में लूट के लिए किया जा रहा है।

मरांडी ने आरोप लगाया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में बोकारो जिले को डीएमएफटी से 631 करोड़ रुपए मिले। इस फंड से 46 पंचायतों में जेनरेटर, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स, स्कूलों में लैब, शहर में 187 हाई मास्ट लाइट, एलईडी वैन, सरकारी भवनों में तड़ित चालक, बाला पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट, स्कूलों में मॉड्यूलर किचन, स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन, छात्रों के लिए कोचिंग, कौशल विकास और प्लेसमेंट जैसी योजनाओं में खर्च दिखाया गया। लेकिन, इन सभी योजनाओं में टेंडर स्तर से गड़बड़ी की गई और बाजार दर से दस गुना ज्यादा कीमत पर आपूर्ति दिखाकर भुगतान कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह घोटाला मुख्यमंत्री की जानकारी और इशारे के बिना संभव नहीं है। राज्य सरकार की किसी एजेंसी से जांच कराए जाने से सच सामने नहीं आएगा, इसलिए इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि योजनाओं की जानकारी मांगने वाले सामाजिक संगठनों को धमकाया जा रहा है। भाजपा ऐसे लोगों के साथ खड़ी है और सड़क से सदन तक इस मुद्दे को उठाएगी।

--आईएएनएस

एसएनसी/एसके

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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