झारखंड में 2008 में व्याख्याताओं की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट में खारिज

झारखंड में 2008 में व्याख्याताओं की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट में खारिज

झारखंड में 2008 में व्याख्याताओं की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट में खारिज

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

रांची, 4 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में वर्ष 2008 में विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्याख्याताओं की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया।

मीना कुमारी एवं 19 अन्य की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) की ओर से आयोजित जिस परीक्षा के आधार पर व्याख्याताओं की नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी, उसमें व्यापक गड़बड़ी हुई है। इसकी सीबीआई जांच हुई, जिसमें कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। इसके बावजूद कई चार्जशीटेड व्याख्याता काम कर रहे हैं। उनका एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरण-पदस्थापन किया जा रहा है।

याचिका में जेपीएससी की ओर से व्याख्याताओं की नियुक्ति के लिए अनुशंसित सूची रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत में हुई सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि व्याख्याता नियुक्ति परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की ओर से इस संबंध में दायर चार्जशीट पर निचली अदालत में सुनवाई चल रही है। इसी दौरान व्याख्याताओं की नियुक्ति रद्द करना उचित नहीं होगा। हाई कोर्ट के बेंच ने जेपीएससी की दलील स्वीकार करते हुए याचिका निरस्त कर दी।

उल्लेखनीय है कि साल 2008 में जेपीएससी की ओर झारखंड व्याख्याता पात्रता (जेट) परीक्षा का आयोजन किया गया था और इसके आधार पर 27 विषयों में 750 व्याख्याताओं की नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी। इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली की शिकायत सामने आने के बाद हाई कोर्ट के ही आदेश पर इस परीक्षा की जांच सीबीआई से कराई गई है। सीबीआई ने जांच के बाद 69 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर रखी है, जिस पर निचली अदालत में सुनवाई की प्रक्रिया जारी है।

--आईएएनएस

एसएनसी/एकेजे

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