जमीन कब्जा करने के मामले में फंसे जीतू पटवारी के भाई, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

जमीन कब्जा करने के मामले में फंसे जीतू पटवारी के भाई, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इंदौर, 27 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के दो भाइयों पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अमित सिंह ने बताया कि धोखाधड़ी का मामला तेजाजी नगर का है।

बताया गया कि 74 वर्षीय नरेंद्र मेहता की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच की, जिस पर मामला संज्ञेय पाया गया। उसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव, भरत पटवारी और नाना पटवारी के खिलाफ 318(4), 336, 337, 338, 339, 340 बीएनएस के तहत जमीन की धोखाधड़ी करने, कब्जा करने और धमकाने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है।

महावीर बाग निवासी नरेंद्र मेहता ने अपनी शिकायत में बताया कि ग्राम उमरीखेडी में उनकी सर्वे नंबर की जमीन 1, 2, 3 और 4 है, जो करीब साढ़े छह एकड़ है। इस भूमि को होलकर रियासत के नारायण पलसीकर ने इनाम में फरवरी 1939 में दी थी, जो रियासत के पदाधिकारी थे।

नरेंद्र मेहता ने बताया कि उक्त जमीन उनके पिता नवरतमल जैन ने 1950 में विक्रय संधि के तहत उसके ऋणों का निपटान किया। इसके बाद उनके पिता ने इस पर कब्जा बनाए रखा। प्रदेश की राजस्व संहिता में वह इसके स्वामी हो गए।

इसके बाद सदाशिव यादव ने जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। इसके साथ डरा-धमकाकर उन्हें इस जमीन से बाहर कर दिया। साथ ही, धमकी दी कि इसकी शिकायत की तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। इस जमीन पर सदाशिव के साथ नाना पटवारी और भरत ने कब्जा कर लिया, ये दोनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के भाई बताए जाते हैं।

बाद में इस पर एक घर बनाकर सोशल मीडिया पर प्रचार कर उसे बेचने और किराए पर देने की बात कही। पुलिस में की गई शिकायत में नरेंद्र ने बताया कि जब वह अपनी जमीन पर जाते तो तीनों उन्हें जान से मारने की धमकी देकर अवैध रूप से पैसे की मांग करते हैं।

नरेंद्र मेहता ने बताया कि कुछ दिन पहले राजस्व विभाग में रिकॉर्ड पता करने पर जानकारी मिली कि सदाशिव ने उक्त जमीन पर राजस्व के कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए हैं, लेकिन पूर्व के अभिलेखों में जमीन नरेंद्र के पिता नवरतमल के नाम से है। इस मामले की नरेंद्र ने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज कर लिया।

--आईएएनएस

एसएनपी/डीएससी

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