जयंती विशेष: पंडित नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी, जिन्होंने भतीजी इंदिरा गांधी के ही खिलाफ छेड़ दिया था अभियान

जयंती विशेष: पंडित नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी, जिन्होंने भतीजी इंदिरा गांधी के ही खिलाफ छेड़ दिया था अभियान

जयंती विशेष: पंडित नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी, जिन्होंने भतीजी इंदिरा गांधी के ही खिलाफ छेड़ दिया था अभियान

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IANS
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जयंती विशेष : पंडित नेहरू की बहन विजया लक्ष्मी, जिन्होंने भतीजी इंदिरा गांधी के ही खिलाफ छेड़ दिया था अभियान

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। बात उस दौर की है, जब देश में आपातकाल के बाद लोकसभा के चुनाव हुए। विजया लक्ष्मी और इंदिरा के बीच तल्खी पुरानी थी। या यूं कह सकते हैं कि विजया लक्ष्मी की बचपन से इंदिरा के साथ नहीं बनी। हालांकि, पुराने विवाद 1977 के चुनावों में सार्वजनिक वक्तव्यों और सभाओं में उजागर हुए, जब विजया लक्ष्मी ने इंदिरा गांधी का साथ न देकर जनता दल को समर्थन दिया। नतीजा यह कि उस चुनाव में जनता पार्टी की जीत हुई थी और इंदिरा गांधी सत्ता से बाहर हो गईं।

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कांग्रेस पार्टी भी मानती है कि विजया लक्ष्मी और इंदिरा गांधी के संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं थे। कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट पर विजया लक्ष्मी के संदर्भ में यह जिक्र मिलता है। 1977 का चुनाव आते-आते विजया लक्ष्मी खुद अपनी भतीजी इंदिरा के खिलाफ अभियान छेड़ चुकी थीं।

1977 में आपातकाल के बाद चुनावों की घोषणा होते ही कांग्रेस से जगजीवन राम और हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे नेता किनारा कर चुके थे। ठीक 10 दिन बाद विजया लक्ष्मी ने राजनीति संन्यास से बाहर आकर जनता दल को समर्थन दे दिया। उनका यह फैसला स्पष्ट तौर पर इंदिरा गांधी के खिलाफ एक अभियान का हिस्सा बन चुका था। विजया लक्ष्मी ने अपनी ही भतीजी इंदिरा के खिलाफ अभियान के दौरान सार्वजनिक सभाओं में कहा, इंदिरा और आपातकाल ने जनतांत्रिक व्यवस्थाओं को कुचलकर रख दिया है।

विजया लक्ष्मी और इंदिरा गांधी के बीच विवादों की सिर्फ यही कहानी नहीं थी। मनु भगवान ने विजया लक्ष्मी की जीवनी में लिखा है, प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी और उनकी बुआ विजया लक्ष्मी के संबंधों में खटास आनी शुरू हो गई थी। इंदिरा ने अपनी बुआ को पूरी तरह साइड साइडलाइन करना शुरू कर दिया था।

इंदिरा गांधी के रवैये में परिवर्तन नहीं आया। जब इंदिरा प्रधानमंत्री थीं, तब विजयालक्ष्मी को वह इंतजार कराती थीं और मुलाकात में एक कठोर चुप्पी हुआ करती थी। विजया लक्ष्मी के मिलने आने पर इंदिरा ने अपनी सहयोगी ऊषा भगत को यहां तक कहा था कि वह मिनट में ही कमरे में आएं। ऊषा भगत ने अपनी किताब इंदिरा जी थ्रू माय आई में लिखा, यह शायद इसलिए था कि इंदिरा विजयालक्ष्मी से बात करने में अपने आप को सहज नहीं पाती थीं।

इसके अलावा, विजया लक्ष्मी और इंदिरा के बीच तल्खी के किस्से हैं। पंडित नेहरू के निधन के बाद जब यह स्वाभाविक माना जा रहा था कि इंदिरा गांधी अपने पिता के संसदीय क्षेत्र फूलपुर से चुनाव लड़ेंगी, तब विजया लक्ष्मी भी उसी सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। हालांकि, इंदिरा ने उस समय लोकसभा उपचुनाव में हिस्सा लेने की बजाय राज्यसभा के जरिए संसद में पहुंचने का फैसला लिया। कांग्रेस हाईकमान ने उपचुनाव में विजया लक्ष्मी पंडित को फूलपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुना, जिस सीट से नेहरू लगातार तीन बार जीते थे।

बाद में जब 1966 में लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद विजया लक्ष्मी प्रधानमंत्री बनना चाहती थीं, इसका जिक्र उनकी बहन कृष्णा हठीसिंह ने अपनी एक किताब वी नेहरू में किया। उन्होंने लिखा, मुझे लगता है कि उन्हें (विजया लक्ष्मी) यह लगा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए उनके पास यह अच्छा मौका है।

हालांकि, कामराज ने विजया लक्ष्मी को चुनने के बजाय इंदिरा गांधी को पसंद किया। कामराज उस समय कांग्रेस अध्‍यक्ष हुआ करते थे। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं तो विजया लक्ष्मी उनके विरोध में आने लगीं। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी को बधाई संदेश देते हुए भी तंज कसे थे। जरीर मसानी ने इंदिरा गांधी की जीवनी में इसका जिक्र किया है।

नेहरू और विजया लक्ष्मी पंडित, दोनों भाई-बहन का रिश्ता मजबूत था। विजया लक्ष्मी अपने भाई से बहुत प्यार करती थीं। इंदिरा गांधी के साथ विजया लक्ष्मी पंडित के रिश्तों की तल्खी शुरुआत से रही। इसका कारण इंदिरा की मां कमला नेहरू को माना जाता है। पुपुल जयकर इंदिरा गांधी की जीवनी में लिखती है, जब पंडित नेहरू की शादी हुई, उसके बाद विजया लक्ष्मी पंडित ने कमला नेहरू को अपने परिवार में एक बाहरी के रूप में देखा।

कैथरीन फ्रैंच ने इंदिरा गांधी की जीवनी (द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी) में यह जिक्र किया है कि कमला को परिवार के ही लोग अंग्रेजी फिल्में देखने के लिए नहीं बुलाते थे। उनका मानना था कि कमला की अंग्रेजी बहुत कमजोर थी। चीजें तब और बिगड़ने लगीं, जब जवाहर लाल नेहरू को घर से दूर जेलों में लंबे समय तक रहना पड़ा।

विजया लक्ष्मी पंडित अपनी भाभी कमला नेहरू से लगभग एक साल छोटी थी। ऐसे में मां के प्रति विजया लक्ष्मी का व्यवहार इंदिरा गांधी को कभी पसंद नहीं रहा था।

--आईएएनएस

डीसीएच/केआर

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